Thursday, 22nd May 2025

मूवी रिव्यू / असरदार मैसेज और बेहतरीन अदाकारी का मिक्सचर है 'उजड़ा चमन', कहानी की चाल रही धीमी

Thu, Oct 31, 2019 5:06 PM

रेटिंग 3.5/5
3.5/5 सन्नी सिंह, मानवी गागरू, सौरभ शुक्ला
डायरेक्टर अभिषेक पाठक
प्रोड्यूसर कुमार मंगत पाठक
म्यूजिक  गौरव-रोशिन
जोनर कॉमेडी
अवधि  120 मिनट

बॉलीवुड डेस्क. उजड़ा चमन मूल रूप से राज बी शेट्टी की कन्नड़ फिल्म की रीमेक है। फिल्म में रिलेशनशिप को लेकर आज की पीढ़ी की सोच एप्रोच और पूर्वाग्रह को दिखाया गया है। गर्लफ्रेंड के तौर पर अलग सोच एप्रोच की लड़की की सबको तलाश है तो शादी के लिए हस्बैंड और दुल्हन मटेरियल की अलग खोज है। ज्यादातर मामलों में एक दूसरे की अंदरूनी खूबसूरती के बजाय बाहरी चमक-दमक और आकर्षण के साथ-साथ फ्यूचर की सिक्योरिटी को शादी के रिश्तों के लिए पैमाने बनाए जाने लगे हैं। यह फिल्म इन सारे पहलुओं को अपने किरदारों की जर्नी से एक्सप्लोर करती है।

यह फिल्म राजधानी दिल्ली के राजौरी गार्डन इलाके में बेस्ट है नायक चमन कोहली 31 साल का होने वाला है और गंजा है। कॉलेज में हिंदी का टीचर है। मोहल्ले में पड़ोसियों से और कॉलेज में अपने स्टूडेंट्स से गंजेपन के चलते बार-बार उपहास का पात्र बनता रहता है। फैमिली एस्ट्रोलॉजर की तरफ से यह भविष्यवाणी भी है कि अगर उसकी शादी 31 से पहले नहीं हुई तो वह आजीवन कुंवारा रह जाएगा। यह बात चमन कोहली के माता-पिता को गवारा नहीं है। खुद चमन कोहली का भी आत्मविश्वास हमेशा डिगा हुआ रहता है। ऊपर से उस पर शादी को लेकर अपने मां बाप का जबरदस्त दबाव है। कई लड़कियों से रिजक्ट होने के बाद चमन कोहली की जिंदगी में अप्सरा नाम की लड़की दस्तक देती है। अप्सरा भी समाज के द्वारा बनाए गए लुक के संदर्भ में सो कॉल्ड फिट नहीं बैठती है क्योंकि इसलिए कि वह मोटी है। वह फाइनली कैसे चमन की जिंदगी में बदलाव लाती है, फिल्म उस बारे में है।

फिल्म का डायरेक्शन अभिषेक पाठक ने किया है, जो अब तक फिल्में प्रोड्यूस करने के लिए जाने जाते रहे हैं। डायरेक्शन में यह उनका डेब्यू है। इस लिहाज से उन्होंने एक अच्छी फिल्म बनाई है। कलाकारों की कास्टिंग और उनकी अदाकारी से एक असरदार मैसेज देने में बहुत हद तक सफल भी साबित हुए है पर फिल्म की रफ्तार जरूर धीमी है। कलाकारों ने अपने काम को बखूबी अंजाम दिया है।

नायक चमन कोहली के रोल में सनी सिंह ने किरदार को सही तरीके से पॉट्रेट किया गया है। नायिका अक्षरा के रोल में मानवी गागरू की कास्टिंग परफेक्ट की गई है। भारत जैसे देश में शादी को लेकर युवक और युवती पर दिखने वाले दबाव को फिल्म सही तरीके से सामने रखती है।

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