Friday, 18th July 2025

छत्तीसगढ़ / चौपाटी यानी पाव-भाजी, डोसा और चाइनीज एक जैसे स्टाल इसलिए कम होने लगी रुचि

Thu, Oct 31, 2019 4:58 PM

 

  • घड़ी चौक चौपाटी के लिए वेंडर नहीं मिलना या महिला चौपाटी फेल होने की वजह भी इसे ही माना

 

रायपुर . राजधानी की एमजी रोड चौपाटी सैटरडे-सनडे और सरकारी अथवा स्कूली छुट्टियों की पूर्वसंध्या पर चल रही हैं, लेकिन इसके अलावा शहर की किसी चौपाटी में वैसी रौनक नहीं है, जैसी होनी चाहिए। निगम प्रशासन की ओर से इस मामले में लोगों से फीडबैक लिया गया तो चौंकाने वाली बात सामने अाई कि हर चौपाटी में केवल पाव-भाजी, डोसा और कुछ चाइनीज अाइटम्स की भरमार है। इसके शौकीनों के लिए एमजी रोड पर्याप्त है, इसलिए बाकी जगह वे नहीं जा रहे हैं।

इनके अलावा दूसरी चौपाटियां भी खाने-पीने के दूसरे विकल्प पर फोकस नहीं कर पाई हैं, इसलिए फेल हो रही हैं। हालात ये हैं कि नगरघड़ी चौक की वीकेंड नाइट चौपाटी का प्लान शुरू होने से पहले ही बंद होने की कगार पर है। रजबंधा की महिला चौपाटी में भी इसी तरह के स्टाॅल खुल गए, इसलिए वहां लोग नहीं गए और कई दुकानदारों ने अपना स्टाॅल समेट लिया है। 


निगम प्रशासन से जुड़े अफसरों का मानना है कि पावभाजी, चाउमीन और दोसे की अधिकता के चलते चौपाटी में लोगों को खाने पीने के सामान के विकल्प नहीं मिल रहे हैं, इसलिए वे चौपाटी के बजाय दूसरी जगहों का रुख कर रहे हैं। एमजी रोड और तेलीबांधा के अलावा बाकी जगह अभी यही स्थिति है। पिछले साल घड़ी चौक में वीकेंड नाइट चौपाटी का प्रोजेक्ट इसलिए भी फेल हुआ था। एक सी दुकानों के चलते वेंडरों ने भी ने बाद में यहां रुचि दिखानी बंद कर दी थी।

कुछ एक दिन बाद ही ये नाइट चौपाटी बंद हो गई थी। घड़ी चौक की चौपाटी में भी 25 दुकानों के लिए स्पेस बनाया गया था। शुरूआत में कुछ दुकानें भी लगी। लेकिन बाद में वेंडर यहां नहीं आए क्योंकि एक सी दुकानों की वजह से वहां उतना रिस्पांस नहीं था। 


अलग वैरायटी के लिए प्लान

नरैया तालाब में आम लोगों को खाने पीने के सामान की अलग-अलग किस्में मिले इसके लिए 20 से 25 दुकानों में स्ट्रीट फूड की वैरायटी और दुकानों की संख्या पहले से तय की जाएगी। एक से सामान की अधिकतम दो या तीन दुकानें ही लगाई जा सकेंगी। ताकि एक जैसी दुकानों की संख्या न बढ़े। 


नरैयातालाब चौपाटी के लिए बना रहे गेट, लेकिन लोगों के घरों से सटाकर
नरैया तालाब में स्मार्ट सिटी नई नाइट चौपाटी बना रहा है। चौपाटी को आकर्षक बनाने के लिए यहां भी रंग बिरंगे गेट लगाए जा रहे हैं। लेकिन इसका मुख्यद्वार ही आसपास रह रहे लोगों की घरों से सटाकर बनाया जा रहा है। इससे स्थानीय लोग खासे नाराज नजर आ रहे हैं। यही नहीं तालाब के इर्दगिर्द गंदगी अभी तक हटाई नहीं गई है। भास्कर ने तालाब में चल रहे कामों का जायजा लिया। तालाब में नाइट चौपाटी के लिए स्मार्ट सिटी ने हाल ही में 20 से 25 दुकानों के लिए टेंडर ओपन कर दिया है। दिवाली के बाद इसे ओपन करने का प्लान है। लेकिन कामों की रफ्तार देखकर लग रहा है कि ये नवंबर के मध्य में ही शुरु हो पाएगी। हाल ही में पाथ-वे लाइट लगाने जैसे निर्माण से जुड़े जो काम किए गए, उन पर गंदगी पानी फेर रही है। क्योंकि स्थानीय लोग भी यहां कचरा फेंक रहे हैं।

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