मुंबई. सुप्रीम कोर्ट अगले महीने अयोध्या भूमि विवाद पर फैसला सुना सकता है। इस बीच राकांपा प्रमुख शरद पवार ने बुधवार को कहा कि कुछ ताकतें स्थिति का लाभ उठाने और समुदायों के बीच दरार पैदा करने की कोशिश कर सकती हैं। हालांकि, उन्होंने यह नहीं बताया कि वे किन ताकतों की बात कर रहे हैं।
पवार ने पार्टी विधायकों की बैठक में यह बात कही। इस दौरान बारामती से विधायक अजीत पवार को विधायक दल का नेता चुना गया। पवार ने कहा, ‘‘राम जन्मभूमि एक बड़े वर्ग के लिए आस्था का विषय है। दूसरी ओर, 1992 में बाबरी मस्जिद विध्वंस के बाद हुए दंगों की पृष्ठभूमि को देखते हुए अल्पसंख्यकों में इसे लेकर एक अलग तरह की भावना है। मैं उनकी भावनाएं समझ सकता हूं। कोर्ट का जो भी फैसला होगा, उसे अब वे स्वीकार करेंगे। चाहे फैसला जो भी हो समाज में शांति सुनिश्चित करने के लिए उचित कदम उठाने की जरूरत है।’’
हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में 14 अपील दायर की गई थी
अयोध्या के भूमि विवाद मामले में शीर्ष अदालत ने 16 अक्टूबर को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। 2010 के इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में 14 अपील दायर की गई थी। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि अयोध्या का 2.77 एकड़ का क्षेत्र तीन हिस्सों में समान बांट दिया जाए। एक हिस्सा सुन्नी वक्फ बोर्ड, दूसरा निर्मोही अखाड़ा और तीसरा रामलला विराजमान को मिले।
Comment Now