कोंडागांव. छत्तीसगढ़ के कोंडागांव में दीपावली की रात रविवार को हुए भीषण हादसे में तीन लोगों की मौत हो गई। हादसा पटाखा दुकानों में आग लगन के कारण हुआ। इस दौरान आसपास की दुकानें भी चपेट में आ गईं। हादसे के दौरान दुकानें बंद कर अंदर सो रहे लोग आग की चपेट में आकर जिंदा जल गए। हादसे में प्रशासन की भी बड़ी लापरवाही सामने आई है। घटना के दौरान मौके पर एक भी फायर ब्रिगेड मौजूद नहीं थी। सूचना पर पहुंची माकड़ी थाना पुलिस ने बाद में जले हुए शवों को बाहर निकलवा कर पोस्टमार्टम के लिए भिजवाया।
माकड़ी में दीपावली के अवसर पर पटाखों की दुकानें लगी हुई थीं। प्रशासन की ओर से पटाखों के लाइसेंस तो दे दिए गए, लेकिन दुकानों को खोलने के लिए अलग से कोई व्यवस्था नहीं की गई। इसके चलते दुकानदारों ने अपनी दुकानों में ही पटाखे बेचना शुरू कर दिया। इन्हीं दुकानों के आसपास पूजन सामाग्री और अन्य वस्तुओं की भी दुकानें हैं। बताया जा रहा है कि रविवार रात करीब 11 बजे अचानक से एक दुकान पटाखे की दुकान में आग लग गई। देखते ही देखते आग फैलने लगी और उसने आसपास की दुकानों को भी चपेट में ले लिया।
जिसके चलते दुकानों में सो रहे लोग उसकी चपेट में आ गए। स्थानीय लोग अपने घरों से पानी भरकर ले आए और बुझाने का प्रयास करने लगे, लेकिन आग इतनी भीषण थी कि लोग अंदर नहीं घुस पा रहे थे। घंटों की मशक्कत के बाद किसी तरह आग पर काबूू पाया गया। हालांकि तब तक शिवकुमार शिवमाली, बरन नेताम और काशी सेन की मौत हो चुकी थी। जब उनका शव बाहर निकाला गया तो वह पूरी तरह से जलकर अकड़ गया था। स्थानीय लोगों का कहना है कि सुरक्षा के कोई इंतजाम नहीं किए गए थे। ना ही वहां पर कोई फायर ब्रिगेड का वाहन था और ना ही पानी के टैंकर ही रखे गए थे।
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