डीआरडीओ / 9 हजार करोड़ की प्रॉपर्टी दांव पर, फिलहाल निजी लोगों के साथ सरकार को भी राहत
Sat, Oct 26, 2019 7:04 PM
ग्वालियर। सिटी सेंटर-महलगांव स्थित डीअारडीअाे के 200 मीटर दायरे में माैजूद संपत्तियाें पर अाए कार्रवाई के संकट को फिलहाल सुप्रीम कोर्ट से राहत मिल गई है। लेकिन इस मामले को लेकर राज्य सरकार गंभीरता नहीं दिखा रही है।
क्योंकि, डीआरडीओ की लैब शिफ्ट किए जाने के लिए जमीन दिए जाने का जो प्रस्ताव राज्य सरकार के पास अगस्त में भेजा गया था। जिसके मुताबिक डीआरडीओ को फ्री में करीब 140 एकड़ जमीन दी जानी है और जमीन मिलने के बाद 3 महीने में डीआरडीओ द्वारा प्रतिबंधित दायरे को 200 की जगह 50 मीटर कर दिया जाएगा। ऐसा होने पर कई संपत्तियां कार्रवाई के दायरे से बाहर निकल जाएंगी। इस क्षेत्र में यदि हाईकोर्ट के आदेश के अनुसार कार्रवाई हुई तो करीब 9 हजार करोड़ रुपए की 122 संपत्तियां तोड़नी पड़ेगी। लेकिन अब तक हुई 4 कैबिनेट बैठकों में चर्चा के लिए भी शामिल नहीं किया गया है।
कलेक्टर अनुराग चौधरी का कहना है कि डीआरडीओ के आसपास 200 मीटर के दायरे में हुए निर्माणों को हटाने के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने शासन की अपील पर सुनवाई करते हुए स्टे कर दिया है। प्रशासन द्वारा डीआरडीओ को जमीन देकर कुछ लैब शिफ्ट कराए जाने की प्रक्रिया चल रही है। जमीन दिए जाने के प्रस्ताव पर राज्य शासन से निर्णय होना है जो जल्द ही होगा।
अवमानना-अपील के बीच सरकार के निर्णय का इंतजार
- हाईकोर्ट: हाईकोर्ट की ग्वलियर बेंच ने राजेश भदौरिया द्वारा दायर अवमानना याचिका पर सुनवाई करते हुए अफसरों को नोटिस जारी कर कार्रवाई की जानकारी मांगी है। लेकिन अफसरों ने कार्रवाई की नहीं है इसलिए रिपोर्ट पेश नहीं की गई। निगम मुख्यालय के पीछे बसे एमपी नगर में पिछले साल कुछ मकानों की तोड़फोड़ की गई थी, लेकिन रहवासी मामला सुप्रीम कोर्ट ले गए। वहां से आदेश हुआ कि नगर निगम पहले सभी लोगों के अभ्यावेदन लेकर उनका निराकरण करे। निगम ने अभ्यावेदनों का निपटारा करते हुए सभी निर्माणों को अवैध पाया था। हाईकोर्ट में इस मामले की सुनवाई दिसंबर में होगी।
- सुप्रीम कोर्ट: राज्य सरकार की तरफ से इस कार्रवाई को रोकने के लिए सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर की गई है। एसएलपी में बताया गया है कि डीआरडीओ के 200 मीटर के दायरे में 9 हजार करोड़ रुपए की संपत्तियों पर कार्रवाई की तलवार लटकी है। जिसमें सरकारी बिल्डिंग भी शामिल हैं। ये भी बताया कि कार्रवाई होने पर दिल्ली-मुंबई रूट की मुख्य रेलवे लाइन और ट्रैफिक व्यवस्था के हिसाब से बना एजी ऑफिस अारओबी भी हटाना पड़ेगा। यह तथ्य सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी है।
- सरकार: डीआरडीओ अधिकारी और कलेक्टर के बीच सिटी सेंटर से कुछ लैब दूसरी जगह शिफ्ट करने के लिए अगस्त में चर्चा हुई। डीआरडीओ द्वारा 140 एकड़ जमीन फ्री मांगी गई और कलेक्टर अनुराग चौधरी को पत्र देकर आश्वस्त किया गया कि जब शासन ये जमीन उपलब्ध करा देगा, उससे 3 महीने में डीआरडीओ 200 मीटर के प्रतिबंधित दायरे को 50 मीटर कर देगा। कलेक्टर श्री चौधरी ने इसका प्रस्ताव सरकार के पास भेज दिया और ग्वालियर प्रवास पर आए मुख्यमंत्री कमलनाथ व मुख्य सचिव एसआर मोहंती को विस्तार से बता भी दिया। मुख्यमंत्री ने फ्री में जमीन देने के लिए हां भी कर दिया। लेकिन अगस्त से अब तक ये प्रस्ताव कैबिनेट की किसी भी बैठक में चर्चा तक के लिए शामिल नहीं किया गया।
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