ग्वालियर। सिटी सेंटर स्थित डीआरडीओ के आसपास मौजूद संपत्तियों के मालिकों के लिए दीपावली पर सुप्रीम कोर्ट से राहत भरी खबर आई है। राज्य शासन द्वारा दायर की गई एसएलपी पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने मप्र हाईकोर्ट की ग्वालियर बेंच के उस आदेश पर रोक लगाते हुए स्टे कर दिया है जिसमें हाईकोर्ट ने डीआरडीओ से 200 मीटर के दायरे में आने वाली निजी व सरकारी संपत्तियों को तोड़े जाने का आदेश दिया था।
अब सुप्रीम कोर्ट से इस मामले में अंतिम निर्णय आने तक किसी प्रकार की कोई कार्रवाई संपत्तियों पर नहीं होगी। सुप्रीम कोर्ट से स्टे होने के बाद सिटी सेंटर मुख्य रोड, बाल भवन रोड और एजी ऑफिस आरओबी वाली रोड स्थित 122 संपत्तियों को कार्रवाई से राहत मिल गई है। इनमें 84 निजी और 38 सरकारी संपत्तियां हैं। साथ ही एजी ऑफिस आरओबी व रेल पटरी भी अतिक्रमण के दायरे में आ रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि राजेश भदौरिया द्वारा 2015 में याचिका दायर कर कहा गया था कि डीआरडीओ से 200 मीटर दूरी तक प्रतिबंधित क्षेत्र है औैर इस क्षेत्र में कोई निर्माण नहीं किया जा सकता। लेकिन शासन के कई विभागों के दफ्तर और कई मकान बन गए हैं। हाईकोर्ट ने 28 मार्च 2019 को ये सभी निर्माण तोड़ने के आदेश दिए। राज्य शासन व नगर निगम ने इस आदेश को लेकर रिव्यू याचिका दायर की।
लेकिन, उक्त याचिकाएं हाईकोर्ट ने खारिज कर दी। निर्माण हटाने की कार्रवाई न होने पर याचिकाकर्ता राजेश भदौरिया ने अवमानना याचिका दायर की। जिस पर हाईकोर्ट ने सुनवाई करते शासन-प्रशासन से जबाव मांगा। पिछली सुनवाई पर शासन ने हाईकोर्ट को बताया कि सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी लंबित है तो हाईकोर्ट में इस मामले की सुनवाई दिसंबर में होनी है।
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