Thursday, 12th June 2025

मप्र / आयकर अधिकारी बनकर सराफा व्यवसायी से धोखाधडी के पांच आरोपी गिरफ्तार

Sat, Oct 26, 2019 6:54 PM

 

  • सराफा व्यवसायी से आयकर अधिकारी बनकर धोखाधड़ी करने वाले पांच आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है
  • कारोबारी का फुफेरा भाई ही निकला फर्जी छापे का मास्टरमाइंड, पुलिस को ओर राज खुलने की उन्मीद
  • दो दिन पहले घाटीगांव के सराफा कारोबारी को मैसेज किया- आपके यहां छापा पड़ने वाला है, 5 लाख की रिश्वत मांगी  

 

ग्वालियर। घाटीगांव के सराफा कारोबारी कमल किशोर सोनी के यहां खुद को आयकर विभाग का अधिकारी बताकर छापा मारने वालों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। गुरुवार रात तक यह खुद को आयकर विभाग का अधिकारी बता रहे थे। थाने पहुंचते ही इनके तेवर ढीले पड़ गए और पूरी सच्चाई पूछताछ में उगल दी। पूरे कांड का ताना-बाना सराफा कारोबारी के फुफेरे भाई आदित्य सोनी ने बुना था। वह खुद को सीबीआई में अधिकारी बताता था। 

छापा पड़ने के दो दिन पहले ही उसने व्यापारी को वाट्सएप पर मैसेज दिया था कि उनके यहां आयकर विभाग की कार्रवाई होने वाली है। इतना ही नहीं, सराफा कारोबारी की चचेरी बहन देविका सोनी टोपी बाजार के व्यापारी गुरजीत उर्फ जिमी कुकरेजा के साथ आयकर अधिकारी बनकर पहुंची थी।

घाटीगांव पुलिस ने इन पर धोखाधड़ी और अवैध रूप से वसूली करने की धारा में मामला दर्ज किया है। पुलिस यह भी पता लगा रही है कि कहीं इन्होंने इससे पहले भी तो इस तरह की वारदात नहीं की। जिम संचालक भूपेंद्र कुशवाह और इस्माल खान निवासी बरई इनके असिस्टेंट बनकर गए थे। पांचों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।


यह था मामला: कमल किशोर सोनी निवासी मोहना की घाटीगांव में ज्वेलरी शॉप है। उनकी दुकान पर 21 अक्टूबर को चार लोगों की टीम ने खुद को आयकर विभाग से बताकर छापा मारा था। इन्होंने 5 लाख रुपए की रिश्वत मांगी थी। 50 हजार रुपए लेकर यह लोग चले गए थे। कारोबारी ने संदेह होने पर पड़ताल की तो खुद को अधिकारी बता रहा युवक टोपी बाजार का चश्मा व्यापारी निकला। कारोबारी की शिकायत पुलिस के पास शिकायत पहुंची तो इनके घर पुलिस गई लेकिन यह लोग घर से गायब थे। फोन पर पुलिस ने संपर्क किया तो यह लोग तब भी खुद को आयकर विभाग से ही बता रहे थे।


ऐसे हुआ खुलासा: टीम में शामिल देविका ने कुछ दिन पहले परिवार में बताया था कि उसका चयन आयकर विभाग में हो गया है। आदित्य खुद को सीबीआई अधिकारी बता रहा था। उन्हें संदेह हुआ तो उन्होंने अपने मामा लल्ला सोनी को बताया। पड़ताल में इन लोगों की पहचान हो गई, फिर पुलिस ने इन्हें कॉल किया। पुलिस ने इन्हें फोन पर यह कहा कि वह आकर अपने बयान दे जाएं, कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी। यह सुनकर यह लोग आ गए और पूछताछ में सब उगल दिया।

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