नई दिल्ली. भारत और चीन के सैनिकों ने दोनों देशों की सीमा पर शांति बनाए रखने की पहल शुरू की है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार दोनों देशों के सैनिकों ने पहली बार अरुणाचल प्रदेश के दक्षिण पूर्व में लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) पर ‘फिश टेल टू’ पर एक साथ गश्त लगाई। ‘फिश टेल वन और टू’ भारत और चीन के बीच 13 विवादास्पद इलाकों शामिल हैं। ये क्षेत्र अक्सर बर्फ से ढंके रहते हैं।
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, इस साल जून में इंडियन आर्मी और चीनी आर्मी की उच्च स्तरीय बैठक में विवादास्पद क्षेत्र में संयुक्त गश्त का प्रस्ताव रखा गया था। इस महीने तमिलनाडु के मामल्लपुरम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के अनौपचारिक सम्मेलन में भी इस बारे में चर्चा हुई थी।
किबुथु में दोनों देशों की सेना की मुलाकात हुई
इससे पहले भारत और चीन की सेना की बैठक के लिए निर्धारित सात स्थानों में शामिल किबुथु में दोनों देशों के सैन्य अधिकारियों की मुलाकात हुई। भारतीय दल का नेतृत्व थर्ड कॉर्प्स के थेडिंगजांग (असम) आधारित माउंटेन डिविजन के कमांडर ने किया। डोकलाम में 73 दिनों तक चले विवाद के बाद वुहान सम्मेलन में भी दोनों देशों की सेना के बीच तनाव कम करने के लिए रणनीतिक मार्गदर्शन करने पर चर्चा हुई थी।
2017 में डोकलाम में विवाद हुआ था
डोकलाम में 16 जून 2017 को चीनी सैनिकों के भारत, भूटान और तिब्बत की सीमा शुरू होने वाले स्थान पर प्रवेश करने के बाद विवाद शुरू हुआ था। इस क्षेत्र के लिए चीन के साथ भारत और तिब्बत का यथास्थान बनाए रखने का समझौता है। चीनी सैनिकों ने इस समझौते का उल्लंघन किया था। इसी साल अगस्त में चीन और भारत की सेना के पीछे हटने के बाद यह विवाद समाप्त हुआ था।
अलग समय पर गश्त करती है दोनों देशों की सेना
आम तौर पर भारत और चीन की सीमा अलग-अलग समय पर एलएसी के विवादित स्थानों पर गश्त करती हैं। दोनों सेनाएं गश्त लगाने के बाद अपनी मौजूदगी का निशान लगाकर वापस अपने बेस कैंप में लौट आती हैं। जब कभी भी दोनों देशों के गश्ती दल का आमना-सामना हुआ है, एक-दूसरे को चुनौती देते हैं। हाल ही में लद्दाख के पैंगोंग सो झील के निकट भी दोनों देशों की सेना के बीच बहस होने की बात सामने आई थी।
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