नई दिल्ली. हरियाणा विधानसभा चुनाव के नतीजे गुरुवार को घोषित कर दिए गए। किसी भी पार्टी को स्पष्ट बहुमत नहीं मिल सका। पिछली बार पूर्ण बहुमत से सत्ता में आई भाजपा इस बार 41 सीटें ही जीत सकी। खट्टर सरकार के 8 मंत्री भी इस बार चुनाव हार गए। कांग्रेस को इस बार 16 सीटों को फायदा हुआ है और वह 31 सीटें जीतने में कामयाब रही। वहीं, 10 महीने पहले बनी दुष्यंत चौटाला की जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) ने अपने पहले ही विधानसभा चुनाव में 10 सीटें हासिल कीं।
भाजपा ने 15 नई सीटें जीतीं, कांग्रेस ने नई 23 सीटें जोड़ीं
दिग्गजों के गढ़ में क्या हुआ?
1) मनोहर लाल खट्टर, करनाल
मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर करनाल जिले से आते हैं। 2014 के विधानसभा चुनाव में यहां की सभी 5 सीटें भाजपा ने जीती थीं। लेकिन, इस बार भाजपा ने 2 सीटें गंवा दी।
सीट | 2014 | 2019 |
असंध | भाजपा | कांग्रेस |
घरौंडा | भाजपा | भाजपा |
इंद्री | भाजपा | भाजपा |
करनाल | भाजपा | भाजपा |
नीलोखेड़ी | भाजपा | निर्दलीय |
2) भूपिंदर सिंह हुड्डा, रोहतक
दो बार हरियाणा के मुख्यमंत्री रहे भूपिंदर सिंह हुड्डा के रोहतक जिले में 4 सीटें आती हैं। यहां की तीन सीटों पर कांग्रेस ने इस बार भी जीत हासिल की है। पिछली बार भी यहां की 3 सीटें कांग्रेस ने जीती थी। इस बार कांग्रेस के हाथ से मेहाम सीट निकल गई, लेकिन उसने भाजपा से रोहतक सीट छीनकर इसकी भरपाई कर ली।
सीट | 2014 | 2019 |
गढ़ी सांपला किलोई | कांग्रेस | कांग्रेस |
कालानौर | कांग्रेस | कांग्रेस |
मेहाम | कांग्रेस | निर्दलीय |
रोहतक | भाजपा | कांग्रेस |
3) बंसीलाल, भिवानी
हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री बंसीलाल के भिवानी जिले में कांग्रेस कुछ खास कमाल नहीं दिखा पाई। यहां की 6 सीटों में से 3 भाजपा, 1 जेजेपी और 1 निर्दलीय के पास चली गई। हालांकि, बंसीलाल की पारिवारिक सीट मानी जाने वाली तोशाम सीट पर उनकी बहू किरन चौधरी जीत गईं। 2014 में भी कांग्रेस को यही सीट मिली थी।
सीट | 2014 | 2019 |
बाढ़ड़ा | भाजपा | जेजेपी |
बवानी खेड़ा | भाजपा | भाजपा |
भिवानी | भाजपा | भाजपा |
दादरी | इनेलो | निर्दलीय |
लोहारू | भाजपा | भाजपा |
तोशामा | काग्रेस | कांग्रेस |
4) अनिल विज और कुमारी सैलजा, अंबाला
अंबाला जिले से खट्टर सरकार में मंत्री रहे अनिल विज और कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष कुमारी सैलजा आती हैं। इस जिले में दोनों ही नेताओें की प्रतिष्ठा दांव पर लगी थी। 2014 में भाजपा ने यहां की सभी 4 सीटें जीती थीं। इस बार अनिल विज अपनी तो सीट बचा ले गए, लेकिन अपने जिले से पार्टी की 2 सीट गंवा बैठे। ये दोनों सीटें इस बार कांग्रेस के खाते में गई हैं।
सीट | 2014 | 2019 |
अंबाला कैंट | भाजपा | भाजपा |
अंबाला सिटी | भाजपा | भाजपा |
मुलाना | भाजपा | कांग्रेस |
नारायणगढ़ | भाजपा | कांग्रेस |
5) देवीलाल चौटाला, सिरसा
चौटाला परिवार का नाम हरियाणा के बड़े राजनीतिक घराने में गिना जाता है। देवीलाल हरियाणा के मुख्यमंत्री रहने के अलावा देश के उप-प्रधानमंत्री भी रह चुके हैं। उनके बेटे ओमप्रकाश चौटाला भी मुख्यमंत्री रहे हैं। चौटाला परिवार का गढ़ सिरसा है। उनकी पार्टी इनेलो (इंडियन नेशनल लोकदल) ने 2014 के विधानसभा चुनाव में 19 सीटें जीती थीं, लेकिन इस बार पार्टी 1 सीट पर ही सिमट गई। सिरसा की 5 सीटों में से 4 पर पिछली बार इनेलो का कब्जा था।
सीट | 2014 | 2019 |
डबवाली | इनेलो | कांग्रेस |
ऐलनाबाद | इनेलो | इनेलो |
कालांवाली | शिरोमणि | कांग्रेस |
रानिया | इनेलो | निर्दलीय |
सिरसा | इनेलो |
हरियाणा लोकहित पार्टी |
6) भजनलाल परिवार, हिसार
तीन बार मुख्यमंत्री रहे भजनलाल का परिवार बड़ा राजनीतिक घराना है। इस बार उनके बेटे कुलदीप बिश्नोई आदमपुर सीट से चुने गए। इस जिले की यही एकमात्र सीट है, जो कांग्रेस जीत चुकी है। हालांकि, पिछले चुनाव में कांग्रेस यहां की 7 में से एक भी सीट नहीं जीत सकी थी।
सीट |
2014 | 2019 |
आदमपुर | एचजेसीबीएल | कांग्रेस |
बरवाला | इनेलो | जेजेपी |
हांसी | एचजेसीबीएल | भाजपा |
हिसार | भाजपा | भाजपा |
नालवा | इनेलो | भाजपा |
नारनौंद | भाजपा | जेजेपी |
उकलाना | इनेलो | जेजेपी |
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