Tuesday, 10th June 2025

मप्र / सीवेज जाने से तो रोक नहीं पाए... बड़े तालाब के भीतर ही बना दिए एसटीपी

Mon, Oct 21, 2019 5:17 PM

 

  • गंभीर लापरवाही.. जिन पर तालाब को बचाने की जिम्मेदारी, वे ही कर रहे बर्बाद
  • एफटीएल जानने के लिए की गई ड्रोन फोटोग्राफी में सामने आई हकीकत

 

मनोज जोशी | भोपाल . तस्वीर भैंसाखेड़ी की है। बड़ा तालाब यानी हमारी लाइफ लाइन...जिसमें सीवेज जाने से रोका जाना था, उसके ही भीतर सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट(एसटीपी) बना दिया गया। आश्चर्य की बात यह है कि यह एसटीपी किसी प्राइवेट एजेंसी द्वारा नहीं बनाया जा रहा है। इस काम को अंजाम दे रही है खुद नगर निगम, जिस पर बड़े तालाब को बचाने की जिम्मेदारी है। ऐसा ही एक और एसटीपी सूरज नगर में बड़े तालाब के अंदर बनाया जा रहा है।


बड़े तालाब के एफटीएल की ड्रोन फोटोग्राफी की रिपोर्ट देखने पर निगम के वरिष्ठ अफसरों को यह गलती पकड़ में आई। इसके बाद नगरीय आवास एवं विकास विभाग के प्रमुख अभियंता पीके कटारे ने मौके का मुआयना किया। उन्होंने इनका स्थान बदलने के निर्देश दिए हैं। खास बात यह है कि बरसात शुरू होने से पहले ही भैंसाखेड़ी में तालाब के भीतर सीवेज पाइप लाइन बिछाने और एसटीपी बनाने की बात सामने आ गई थी। इसके बाद नगर निगम ने दावा किया था कि संबंधित कांट्रेक्टर को काम रोकने के निर्देश दे दिए गए हैं। लेकिन जमीनी हकीकत यह है कि यह काम नहीं रोका गया।


बड़ा सवाल....बड़े तालाब सहित शहर के अन्य जलस्रोतों में मिल रहे सीवेज को रोकने के लिए 350 करोड़ रुपए से सीवेज नेटवर्क बिछाया जा रहा है...फिर ऐसी लापरवाही क्यों?

हद है... चारों तरफ फैला है तालाब का पानी...और बहाना सर्वे के दौरान हुई गलती

पहले गलती... आैर अब तर्क  जमीन का लेवल लेने में हुई गड़बड़ी
जानकार बताते हैं कि सीवेज प्रोजेक्ट के लिए किए गए सर्वे में जमीन का लेवल लेने में गलती होने से यह गड़बड़ी हुई है। सभी जानते हैं कि बड़े तालाब का पानी समुद्र तल से 1666.80 फीट की ऊंचाई तक भरता है। तकनीकी रूप से इस ऊंचाई को नापने के लिए उपकरण भी उपलब्ध हैं। यानी तालाब के एफटीएल पर आए बिना भी यह पता लगाया जा सकता है कि किस स्थान पर यह ऊंचाई है। यदि लेवल ठीक से लिए होते तो यह गड़बड़ी नहीं होती।

नई जगह की तलाश... कम से कम 4 एसटीपी की जगह और बदलेगी
बड़े तालाब के भीतर बन रहे इन दो एसटीपी के साथ ही कम से कम चार और एसटीपी की जगह बदली जाना है। प्रोफेसर कॉलोनी, सलैया, शाहपुरा और यादगारे शाहजहांनी पार्क में प्रस्तावित एसटीपी को लेकर हुए विरोध के बाद अब इनकी साइट बदली जा रही है। लेकिन इसमें एक पेंच यह भी है कि एसटीपी की नई साइट के लिए अब तक बिछ चुकी पाइप लाइन को बदलना पड़ेगा। इसकी मॉनिटरिंग ठीक नहीं हुई तो नई बिछी सीवेज लाइन ही चोक होने लगेगी, क्योंकि सीवेज ग्रेविटी पर बहता है।

बड़े तालाब में नहीं बनेंगे एसटीपी, वसूली होगी और दोषियों पर कार्रवाई भी करेंगे 

बड़े तालाब के भीतर एसटीपी का निर्माण होने की बात मेरी जानकारी में आई है। भैंसाखेड़ी में यदि हमारे रोकने के बावजूद काम हुआ है तो कांट्रेक्टर से वसूली करेंगे। हम पूरे सीवेज प्रोजेक्ट की समीक्षा करेंगे। गड़बड़ी पर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करेंगे। आगे काम ठीक हो इसके लिए मॉनिटरिंग की पुख्ता व्यवस्था बनाएंगे।
- बी विजय दत्ता, कमिश्नर, नगर निगम

Comments 0

Comment Now


Videos Gallery

Poll of the day

जातीय आरक्षण को समाप्त करके केवल 'असमर्थता' को आरक्षण का आधार बनाना चाहिए ?

83 %
14 %
3 %

Photo Gallery