Tuesday, 10th June 2025

निवेश / सोने की कीमत में 16 साल में छह गुना इजाफा, सेंसेक्स ने 8 गुना रिटर्न दिया

Sat, Oct 19, 2019 6:50 PM

 

  • 2004 में सोने की कीमत 5850 रु. प्रति 10 ग्राम थी, अब 39000 रुपए के करीब 
  • परंपरागत निवेशक सोने को सुरक्षित माध्यम मानते हैं, इसमें महंगाई को मात देने की क्षमता

 

नई दिल्ली. इस बार धनतेरस 25 अक्टूबर को पड़ रही है। यह ऐसा शुभ पर्व है जब लाखों भारतीय सोना या तो व्यक्तिगत इस्तेमाल के लिए या फिर निवेश के लिहाज से खरीदते हैं। पिछले 16 साल की बात करें तो सोने की कीमतों में छह गुना से अधिक बढ़ोतरी हुई है।

2004 में सोने की कीमत 5,850 रुपए प्रति 10 ग्राम थी। अब यह बढ़कर 39,000 रुपए के आसपास है। इस तरह देखें तो यदि किसी व्यक्ति ने 2004 में 1.5 लाख रुपए सोने में निवेश किए होंगे तो उस समय उसने 256.4 ग्राम सोना खरीदा होगा। आज इस 256.4 ग्राम सोने को बेचने पर 10 लाख रुपए से अधिक मिल सकते हैं। पिछले महीने सोने की कीमत प्रति 10 ग्राम 40,000 रुपए के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई थी।

निवेश के अन्य विकल्प की बात करें तो इसी अवधि में सेंसेक्स ने 7.92 गुना रिटर्न दिया है। परंपरागत निवेशक सोने की तरफ अधिक आकर्षित होते हैं क्योंकि उन्हें अन्य विकल्पों के मुकाबले सोने में सुरक्षा, लिक्विडिटी के साथ-साथ बेहतर रिटर्न मिलने का भरोसा अधिक होता है। पिछले 16 साल का अनुभव देखें तो रिटर्न के मामले में सोने का प्रदर्शन बेहतर रहा है।

सोने में एक समय अंतराल के बाद महंगाई को मात देने की क्षमता होती है। इसकी कीमत में महंगाई की दर के अनुसार ही इजाफा होता है। दूसरा लोग अपने इन्वेस्टमेंट पोर्टफोलियो में शेयरों में किए निवेश को संतुलित करने के लिए भी सोने में निवेश करने को बेहतर समझते हैं। इसकी वजह यह है कि जब शेयर बाजारों का प्रदर्शन खराब रहता है उस समय सोना बेहतर प्रदर्शन करता है।

कैसे करें सोने में निवेश?
कोई भी व्यक्ति सोने को फिजिकल फॉर्म में या फिर गोल्ड ईटीएफ और गोल्ड फंड के रूप में खरीद सकता है। इसके अलावा वह घर में बिना उपयोग के रखे सोने को सरकार की गोल्ड मोनिटाइजेशन स्कीम में जमा कर सकता है। यह सोने की एफडी कराने जैसा है। इस स्कीम के तहत व्यक्ति को जमा कराए गए सोने पर ब्याज के रूप में आमदनी होती है।

गोल्ड मोनिटाइजेशन स्कीम
गोल्ड मोनिटाइजेशन स्कीम वर्ष 2015 में शुरू की गई थी। उस समय देश में लोगों के घरों में 20,000 टन से ज्यादा बिना उपयोग के रखा होने का अनुमान था। नरेंद्र मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में शुरू हुई इस योजना का उद्देश्य ऐसे सोन को मोनिटाइज कर इकोनॉमी में लाना था, ताकि सोने की मांग पूरी हो सके, इसके लिए आयात पर निर्भरता कम हो।

गोल्ड मोनिटाइजेशन की मियाद क्या है?
सोना बचत खाते का न्यूनतम लॉक-इन पीरियड 1 साल है।

आप नीचे दिए गए विकल्पों में से चुनाव कर सकते हैं:
छोटी अवधि: 1 साल से 3 साल
मध्यम अवधि: 5 साल से 7 साल
लंबी अवधि: 12 साल से 15 साल

मिनिमम डिपॉजिट की लिमिट क्या है?
आप सिर्फ 30 ग्राम सोना जमा करके खाता खोल सकते हैं। डिपॉजिट की कोई अधिकतम सीमा नहीं है।

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