रायपुर . रायपुर नगर निगम में रखा 90 साल पुराना रोड रोलर अब बूढ़ातालाब में स्मार्ट सिटी के दफ्तर के सामने सजने के लिए तैयार है। 90 साल पहले यह रोलर इंग्लैंड की कंपनी जाॅन फाउलर ने बनाया था, जिसे रायपुर में सड़कें बनाने के लिए भेजा गया था। शहर में यह लगभग 15 साल चला लेकिन पिछले 40 साल से खड़ा है। इसे रंग-रोगन कर कस्टमाइज कर लिया गया है। सजाने के लिए स्मार्ट सिटी दफ्तर के सामने रैंप बनाया जा रहा है। कुछ दिन में इसे वहीं रखा जाएगा।
इस रोड रोलर ने रायपुर की कई सड़कें बनाईं, लेकिन उनका दस्तावेजी प्रमाण नहीं है क्योंकि प्रदेश के विभाजन के समय पीडब्ल्यूडी के अधिकांश दस्तावेज मध्यप्रदेश में ही रह गए। पुराने लोगों का कहना है कि ऐसे तीन-चार रोलर अाजादी के पहले तक शहर में चलते थे। लेकिन 60 के दशक में ये चलन से बाहर हो गए और तब से यहीं पड़े हैं।
निगम में थे 4 रोड रोलर, उनमें से बचाए थे दो : जानकारों के मुताबिक निगम की वर्कशॉप में ऐसे चार रोलर रखे थे, जिनमें से दो कंडम हो चुके थे पर दो साफ-सुथरे थे। इन्हें निगम ने दो साल पहले बचाकर रख लिया और तभी प्लान हुअा था कि इन्हें सजा-संवारकर शहर में सजाया जाएगा। इनमें से एक को पीले, लाल और ग्रे कलर से सजाया गया है। दूसरा रोलर भी शहर में किसी जगह रखा जाएगा।
तब 15 हजार रुपए थी कीमत : 1886 में लीड्स में एक कृषि विज्ञानी तथा इनोवेटर जाॅन फाउलर ने भाप से चलने वाले खेती के उपकरण बनाए थे। इसी कंपनी ने भाप के रोड रोलर, ट्रैक्टर, रेल इंजन तक बनाए। ये कोयले से पानी गर्म कर भाप बनाने की तकनीक से चलते थे। तब इसकी कीमत करीब 15 हजार रु. थी। स्मार्ट सिटी के जीएम एसके सुंदरानी ने बताया कि धरोहरों को संजोन हमारे प्लान में है। रोड रोलर को इसीलिए सहेजा गया।
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