दुर्ग. छत्तीसगढ़ के दुर्ग नगर निगम के सुपरवाइजर के साथ दो लाख की ठगी हो गई। फेसबुक पर कार बेचने का विज्ञापन देखकर रिक्की समुंद्रे ने आरोपी सुमित पाठक से संपर्क किया। कार को रिक्की तक भेजने के नाम पर आरोपी ने 2 लाख रुपए पेटीएम करवा लिए। अब न कार पहुंची और न ही रुपए लौटाए गए। घटना 6 महीने पुरानी है, अब जांच के बाद आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज कर पुलिस उसकी तलाश में जुट चुकी है। पुलिस ने बताया कि पीड़ित रिक्की ने मार्च में अपने फेसबुक आईडी पर मार्केट पैलेस नाम का पेज देखा। पेज में 8 लाख कीमत की कार देखकर उसने बेचने वाले से संपर्क किया। कार मालिक ने खुद का नाम सुमित पाठक निवासी रायपुर बताया। दोनों के बीच दोबारा संपर्क हुआ तो ठग ने खुद को राजस्थान सेना में पदस्थ होने बताकर सुपरवाइजर को विश्वास में ले लिया। गाड़ी राजस्थान से कोरियर से भेजने का वादा किया।
पुलिस ने बताया कि आरोपी ने प्रार्थी से कोरियर चार्ज 10 हजार रुपए जमा करवा लिया। अगले दिन डिलेवरी देने आए युवक ने सुपरवाइजर से संपर्क किया। उसने कोरियर सर्विस के अकाउंट में गाड़ी देने के पहले 21 हजार रुपए सिक्योरिटी अमाउंट जमा करवा लिया। पैसा जमा करने में 20 मिनट लेट हो गया तो जीपीएस चार्ज जमा करने के लिए कहा गया। सुपरवाइजर ने पैसों के इंतजाम किया और निर्धारित समय से 15 मिनट देरी से 31 हजार रुपए जमा किए। समय पर पैसा नहीं जमा करने पर उससे ठग ने दोबारा लेट फीस जमा करने के लिए कहा। इस बार सुपरवाइजर ने 47 हजार 5 सौ रुपए जमा किए। बदमाश ने इस बार उसे कहा कि डिलेवरी कैंसिल हो गई है। दोबारा गाड़ी की बुकिंग करने के लिए 51 हजार रुपए जमा करना होगा। इसके बाद 24 घंटे के भीतर गाड़ी की डिलेवरी हो जाएगी। इस तरह प्रार्थी को बेवकूफ बनाया गया।
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