Tuesday, 27th May 2025

छत्तीसगढ़ / राजनांदगांव में छह दिन की बच्ची के पेट में मिला भ्रूण

Sat, Oct 19, 2019 6:37 PM

 

  • डॉक्टरों के अनुसार पांच लाख में से किसी एक नवजात में सामने आता है ऐसा मामला
  • भारत में अब तक इस तरह के लगभग 9-10 मामले और पूरे विश्व में 200 मामले सामने आए हैं

 

राजनांदगांव. शहर में एक छह दिन की बच्ची के पेट में भ्रूण मिला है। यह भ्रूण बच्चादानी नहीं बल्कि उस बच्ची के पेट में है। शहर में संचालित विधि डायग्नोस्टिक और रिसर्च सेंटर में बच्चे की सोनोग्राफी करते समय डॉ.अमित मोदी (रेडियोलॉजिस्ट) हतप्रभ रह गए, जब उन्होंने जांच के दौरान पाया कि नवजात बच्ची के पेट में एक और भ्रूण मौजूद है। डॉक्टर ने दावा किया कि छत्तीसगढ़ में इस तरह का यह पहला केस है।

 इस तरह के केस को जांचने के लिए नितांत अनुभव और गहन अध्ययन की आवश्यकता होती है। 17 अक्टूबर को सोनोग्राफी जांच के लिए डॉ.अनिमेष गांधी (नवजात शिशु रोग विशेषज्ञ) गांधी नर्सिंग होम के माध्यम से आई महिला के छह दिन की बच्ची के पेट में भ्रूण पाया गया। डॉ. मोदी के मुताबिक इस स्थिति को चिकित्सीय भाषा में भ्रूण के अंदर भ्रूण कहा जाता है। चिकित्सा साहित्य में भारत में अब तक इस तरह के लगभग 9-10 मामले और पूरे विश्व में अब तक 200 मामले सामने आए हैं। यह केस पांच लाख जीवित जन्मों में से 1 में होता है। 

इस तरह का पहला मामला 18 वीं शताब्दी में दर्ज किया गया था


कैसे होता है भ्रूण के अंदर भ्रूण  : जब एक माता जुड़वां बच्चों से गर्भवती होती है तब एक अनोखी और अत्यंत दुर्लभ स्थिति बनती है। जिसमें एक भ्रूण दूसरे भ्रूण के उदर में स्थान ले लेता है। भ्रूण में भ्रूण की उत्पत्ति के बारे में दो सिद्धांत हैं। पहला वह स्थान है जहां मेजबान जुड़वां के शरीर के अंदर एक परजीवी जुड़वां भ्रूण विकृत होता है और दोनों रक्त की आपूर्ति को साझा करते हैं। दूसरी बात यह है कि भ्रूण के अंदर भ्रूण टेरेटोमा का एक (अत्यधिक विभेदित) रूप है। ऊत्तकों से विदेशी ट्यूमर से उस क्षेत्र या शरीर के उस हिस्से में बना होता है जिसमें वे पाए जाते हैं।


आहार लेने में परेशानी, रायपुर में होगा ऑपरेशन : पेट में भ्रूण के अंदर भ्रूण होने से नवजात बच्ची को स्वास्थ्य गत दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। उसे आहार लेने में परेशानी आ रही है। डॉ. मोदी की माने तो ऑपरेशन के जरिए भ्रूण को निकाला जाएगा, राजनांदगांव में तो नहीं लेकिन रायपुर बड़े अस्पतालों में ऑपरेशन संभव है। ऑपरेशन के बाद बच्ची स्वस्थ्य जीवन जी सकेगी।

Comments 0

Comment Now


Videos Gallery

Poll of the day

जातीय आरक्षण को समाप्त करके केवल 'असमर्थता' को आरक्षण का आधार बनाना चाहिए ?

83 %
14 %
3 %

Photo Gallery