भोपाल . शहर में डेंगू का संक्रमण थम ही नहीं रहा है। लार्वा सर्वे और फॉगिंग के नाम पर हो रही खानापूर्ति पर नियंत्रण के लिए अब जिला प्रशासन और नगर निगम के 84 अफसरों की टीम को निगरानी का जिम्मा सौंपा गया है। ये अफसर डिप्टी कलेक्टर, एसडीएम, तहसीलदार से लेकर नगर निगम के जोनल अधिकारी, एएचओ, जोन समन्वय अधिकारी व बीएमओ होंगे।
अभी स्थिति यह है कि चुनिंदा इलाकों में ही सर्वे हो रहा है और डेंगू पाॅजिटिव मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है। यह संख्या 802 हो गई है। जबकि पिछले पूरे साल में 738 पॉजिटिव मरीज मिले थे। शुक्रवार को कलेक्टर तरुण पिथोड़े ने इस संबंध में हुई बैठक में सीएमएचओ सुधीर डहरिया से पूछा कि पिछले साल पायरेथ्रम की जगह साइफिनोथ्रीम से फॉगिंग कराने के निर्देश दिए थे। इस पर सीएमएचओ ने कहा कि दवा अभी मिली है। आगे इसी से फॉगिंग होगी।
मच्छरों पर नहीं हो रहा था पायरेथ्रम का असर, अब फॉगिंग साइफिनोथ्रीम से
छह साल में डेंगू की स्थिति
जांच पॉजिटिव
2014 5016 706
2015 2497 223
2016 5669 661
2017 7650 1094
2018 5648 738
2019 3157 802
मच्छरों में प्रतिरोधक क्षमता बढ़ी : स्वास्थ्य विभाग के अफसरों ने बताया कि फाॅगिंग के बाद भी मच्छर नहीं मर रहे थे, इस पर नगर निगम और मलेरिया दफ्तर को खुले स्थानों पर पायरेथ्रम के स्थान पर साइफिनोथ्रीम से फॉगिंग के निर्देश दिए हैं। ताकि पायरेथ्रम के प्रति प्रतिरोधक क्षमता विकसित कर चुके मच्छरों पर भी वह प्रभावी हो। हालांकि घरों में पहले की तरह पायरेथ्रम का छिड़काव होगा।
हर कॉलोनी में करनी होगी फॉगिंग : बैठक में जिला मलेरिया अधिकारी अखिलेश दुबे ने कहा कि डेंगू पॉजिटिव मरीज के घर के 400 मीटर के दायरे में एंट्री लार्वा की टीम दवा छिड़काव करती है। शहर बड़ा है, इसलिए नगर निगम यदि कॉलोनियों में दवाओं का छिड़काव और फॉगिंग करें तो डेंगू कंट्रोल हो सकता है। इस पर कलेक्टर ने कहा कि सभी एजेंसियों को मिलकर काम करना होगा।
फॉगिंग के लिए यहां करें कॉल
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