ग्वालियर . चंबल नदी से ग्वालियर को पानी दिए जाने पर वन विभाग ने आपत्ति लगा दी है। वन विभाग का कहना है कि जरूरत के हिसाब से नदी में पानी का बहाव अभी भी कम है। ऐसे में यदि इसमें से और पानी लिया जाता है तो पानी कम होने पर चंबल सेंचुरी में घड़ियाल व डॉल्फिन मर जाएंगे। वन विभाग पहले ही इस मामले में एनओसी अटकाए हुआ था। हालांकि मामले का दूसरा पहलू ये भी है कि वन विभाग जितना पानी नदी में होने पर इन जीवों के सुरक्षित रहने का दावा कर रहा है, उतना पानी तो नदी में अभी भी नहीं बहता और उसी बहाव में से राजस्थान कई क्षेत्रों के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी सप्लाई ले रहा है।
दूसरा पहलू... 200 क्यूबिक मीटर प्रति सेकंड बहाव तो कभी होता ही नहीं - वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि चंबल नदी में पानी का बहाव 68 क्यूबिक मीटर प्रति सेकंड है, जो कि कम है। क्योंकि, 200 क्यूबिक मीटर प्रति सेकंड से कम बहाव पर घड़ियाल और डॉल्फिन मर जाएंगे।
जबकि न तो सामान्य तौर पर नदी का बहाव 200 क्यूबिक मीटर प्रति सेकंड होता है और न अभी है। फिर भी राजस्थान अपने कोटा, करौली समेत अन्य क्षेत्रों के लिए पर्याप्त पानी ले रहा है। ग्वालियर के लिए 1.75 क्यूबिक मीटर प्रति सेकंड बहाव के पानी की जरूरत है। अप्रैल, मई व जून के दौरान नदी में पानी का स्तर कुछ कम रहता है तो इससे पहले और इसके बाद तिघरा को भरा जा सकता है। इन महीनों में ग्वालियर के लिए पानी नहीं लेकर भी चंबल से पानी लाने का विकल्प खुला रह सकता है।
समस्या का समाधान करेंगे - चंबल सेंचुरी के कारण पानी को लेकर आपत्ति का मामला सामने आया है। हम इसका समाधान खोज रहे हैं । सभी समस्याओं का समाधान कर इस प्रोजेक्ट पर काम आगे बढ़ाया जाएगा।'
- उमंग सिंघार, वन मंत्री मप्र शासन (प्रभारी मंत्री ग्वालियर)
विभाग के साथ बैठक करेंगे - वन विभाग ने चंबल सेंचुरी का हवाला देते हुए पानी लिए जाने को लेकर आपत्ति जताई है। उनकी आपत्ति से वरिष्ठ अधिकारियों एवं प्रभारी मंत्री को अवगत करा दिया है। इस संबंध में विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक कर आपत्तियों का समाधान निकालेंगे। - अनुराग चौधरी, कलेक्टर
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