Friday, 13th June 2025

पहली बार / कश्मीर में तैनात सैनिकों के लिए देश में बनी 40 हजार बुलेटप्रूफ जैकेट भेजी गईं

Sat, Oct 19, 2019 6:08 PM

 

  • रक्षा मंत्रालय ने पिछले साल एक निजी कंपनी को 1.86 लाख बुलेटप्रूफ जैकेट बनाने की जिम्मेदारी दी थी
  • इस साल 36 हजार जैकेट की आपूर्ति होनी थी, कंपनी ने 40 हजार तैयार कर सेना को भेजीं
  • बोरॉन कार्बाइड सेरेमिक से बनी ये जैकेट एके-47 राइफल समेत अन्य बंदूकों की फायरिंग झेल सकती हैं
  • जैकेट जवानों के शरीर को 360 डिग्री सुरक्षा देगी, युद्ध और आतंकवाद निरोधक ऑपरेशन में भी इस्तेमाल किया जा सकेगा

 

नई दिल्ली. भारतीय सेना को पहली बार देश में बनी 40 हजार बुलेटप्रूफ जैकेट की आपूर्ति की गई है। इन जैकेट की पहली खेप जम्मू-कश्मीर में आतंकियों के खिलाफ ऑपरेशन में जुटे सैनिकों को मिलेगी। इन्हें बनाने वाली कंपनी एसएमपीपी प्राइवेट लिमिटेड की तरफ से मेजर जनरल अनिल ओबेरॉय ने बताया कि वे सेना को समय से पहले ही पूरा ऑर्डर मुहैया करा देंगे। सरकार ने यह ऑर्डर पूरा करने के लिए कंपनी को 2021 तक की तारीख दी है, लेकिन 2020 के अंत तक सारी जैकेट बन कर तैयार हो जाएंगी।

एके-47 की फायरिंग भी झेल सकती है जैकेट
मेजर ओबेरॉय के मुताबिक, पहले साल उन्हें सेना के लिए 36 हजार जैकेट्स मुहैया करानी थीं, लेकिन कंपनी इस टारगेट से आगे चल रही है। देश में बनी यह बुलेटप्रूफ जैकेट हार्ड स्टील से बनी गोलियां झेल सकती है। यानी एके-47 और कई अन्य हथियार इस पर बेअसर होंगे। फिलहाल इन जैकेट को कानपुर स्थित सेंट्रल ऑर्डिनेंस डिपो पहुंचाया गया है। यहां से जल्द ही इन्हें जम्मू-कश्मीर भेजा जाएगा।

पिछले साल रक्षा मंत्रालय ने कॉन्ट्रैक्ट किया था
सेना को आधुनिक और हल्की बुलेटप्रूफ जैकेट मुहैया कराने के लिए रक्षा मंत्रालय ने पिछले साल ही एसएमपीपी के साथ 639 करोड़ रुपए का सौदा किया था। इसके तहत सेना को 1.86 लाख उच्च स्तरीय जैकेट मिलनी हैं। रक्षा मंत्रालय ने कहा था कि इस प्रोजेक्ट से सरकार की मेक इन इंडिया योजना को भी बढ़ावा मिलेगा। इसे भारतीय सेना और उद्योगों का आत्मविश्वास बढ़ाने वाला कदम माना जा रहा है।

क्यों खास है जैकेट?
इन जैकेटों को बोरॉन कार्बाइड सेरेमिक से तैयार किया गया है, जो कि सुरक्षा के लिए सबसे हल्का और बेहतरीन मैटेरियल है। ये जैकेट जवानों के शरीर को 360 डिग्री सुरक्षा देगी, जिससे युद्ध और एंटी टेरर ऑपरेशन में भी इनका इस्तेमाल किया जा सकेगा। मॉड्यूलर पार्ट्स से बनी होने के कारण ये लचीली हैं और पहनने में आसान तथा सुविधाजनक भी हैं।

सेना के आधुनिकीकरण की ओर कदम
सेना में लंबे समय से बुलेटप्रूफ जैकेट और आधुनिक हथियारों की मांग की जा रही है। ऐसे में इन जैकेट्स की आपूर्ति सेना के आधुनिकीकरण की ओर कदम के तौर पर देखा जा रहा है। सेना प्रमुख बिपिन रावत भी दुश्मनों से निपटने के लिए सेना के आधुनिकीकरण और स्वदेशी तकनीक के इस्तेमाल का मुद्दा उठाते रहे हैं।

Comments 0

Comment Now


Videos Gallery

Poll of the day

जातीय आरक्षण को समाप्त करके केवल 'असमर्थता' को आरक्षण का आधार बनाना चाहिए ?

83 %
14 %
3 %

Photo Gallery