Thursday, 31st July 2025

राजस्थान / जयपुर, जोधपुर और कोटा में अब 2 निगम, 2 मेयर: ऐसा करने वाला पहला राज्य, फैसले का सरकार में ही विरोध

Sat, Oct 19, 2019 6:04 PM

 

  • निकाय प्रमुखों के चयन को लेकर अधिसूचना जारी, इन 6 निगमों में दोबारा वॉर्ड परिसीमन होगा
  • मेयर-सभापति के चुनाव के तरीके पर दो मंत्रियों के बाद डिप्टी सीएम सचिन पायलट समेत विपक्ष भी हमलावर
  • पायलट बोले- जो पार्षद का चुनाव नहीं जीत सकता, उसको सीधे मेयर बनाना गलत, फैसले पर पुनर्विचार हो
  • दो मंत्रियों ने फील्ड में काम करने वाले और चुनाव जीतकर आने वाले पार्षदों के साथ अन्याय बताया 

 

जयपुर.  राजस्थान में गहलोत सरकार ने जयपुर, जोधपुर और कोटा में दो-दो नगर निगम और दो-दो मेयर बनाने का फैसला किया है। नगरीय विकास एवं हाउसिंग (यूडीएच) मंत्री शांति धारीवाल ने शुक्रवार को इसका ऐलान किया। उन्होंने बताया कि 10 लाख से अधिक आबादी होने के कारण अब तीनों बड़े शहरों जयपुर, जोधपुर और कोटा में दो-दो नगर निगम और दो-दो मेयर होंगे। 

उधर, निकाय चुनाव में महापौर-सभापति सहित अन्य निकाय प्रमुखों के चयन के तरीके पर गहलोत सरकार अपनों से ही घिरती जा रही है। एक दिन पहले दो कैबिनेट मंत्रियों के सवाल उठाने के बाद अब डिप्टी सीएम सचिन पायलट भी इस फैसले के विरोध में उतर आए हैं। उन्होंने कहा, ‘‘मेयर-सभापति चुनने के हाईब्रिड तरीके पर न ही विधायक दल बैठक में चर्चा हुई, न ही सदन या कैबिनेट में। मंत्री महोदय यदि नगरपालिका एक्ट के तहत यह निर्णय लेना चाहते हैं तो यह न तो व्यावहारिक रूप से सही है, न ही राजनीतिक दृष्टिकोण से। इस निर्णय में बदलाव की जरूरत है। इसमें बैकडोर एंट्री होगी।’’ एक दिन पहले गुरुवार को ही खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री रमेश मीना और परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने भी बिल विरोध किया था।

सरकार के तीन दिन में चार फैसले

16 अक्टूबर: निकाय प्रमुख जनता नहीं, पार्षद ही चुनेंगे। 
18 अक्टूबर : मेयर-सभापति पार्षद का चुनाव लड़े या जीते बिना भी बनेंगे।  
19 अक्टूबर : तीन शहरों के निकायों की सूरत बदली और सवर्ण आरक्षण में भूमि-भवन का पेंच खत्म। 


1. जयपुर में अब 250 वॉर्ड

जयपुर हैरिटेज  में  कुल वॉर्ड: 100, विधानसभा क्षेत्र : सिविल लाइंस, आदर्श नगर, किशनपोल, हवामहल और आमेर

- इसमें 2014 के सीमांकन के आज तक मान्य वॉर्ड शामिल रहेंगे। सिविल लाइंस के 22 से 31, आदर्श नगर के 61 से 60, किशनपोल के 71 से 79, हवामहल के 80 से 90 और आमेर के 91 वॉर्ड।

ग्रेटर जयपुर में  कुल वॉर्ड: 150, विधानसभा क्षेत्र: विद्याधर नगर, झोटवाड़ा, सांगानेर, बगरु, मालवीय नगर
- वर्तमान वार्ड्स के अनुसार सीमांकन कर शामिल किए: विद्याधर नगर के एक से 14, झोटवाड़ा के 15 से 21, सांगानेर के 32 से 44, बगरु के 45 सो 51 और मालवीय नगर के 52 से 60 नंबर वॉर्ड तक।

2 . जोधपुर में अब 160 वॉर्ड


जोधपुर उत्तर में कुल वॉर्ड : 80, विधानसभा क्षेत्र: सरदारपुरा, जोधपुर शहर और सूरसागर
- वर्तमान वॉर्ड्स के अनुसार इस निगम में वॉर्ड रहेंगे- सरदारपुरा के 44, 45, 46, 49 से 55, एवं 59 से 64, जोधपुर शहर सीट से वॉर्ड 32 से 38, वॉर्ड 47 और 48, सूरसागर के वॉर्ड एक, वॉर्ड 12 से 19 एवं वॉर्ड 65 शामिल।

जोधपुर दक्षिण, कुल वॉर्ड : 80, विधानसभा क्षेत्र: सरदारपुरा, जोधपुर शहर, सूरसागर
- वर्तमान वॉर्ड्स के अनुसार इस निगम में शामिल वॉर्ड: सरदारपुरा के 42, 43, 56, 57, 58, जोधपुर सिटी के वॉर्ड 23 से 31, 39, 40 और वॉर्ड 41 तथा सूरसागर के वॉर्ड 2 से 11, 20, 21 और वॉर्ड 22 को शामिल।


3. कोटा में अब 150 वॉर्ड


कोटा उत्तर में कुल वॉर्ड: 70, विधानसभा क्षेत्र : कोटा उत्तर और लाडपुरा

- इस निगम में वर्तमान वॉर्ड्स के अनुसार वॉर्ड शामिल किए: कोटा उत्तर के 1 से 3, 11 से 19, वॉर्ड 34 से 43 तथा लाडपुरा के 7 से 10 एवं 30 से 32 वॉर्ड शामिल किए।

कोटा दक्षिण में कुल वॉर्ड: 80, विधानसभा क्षेत्र: कोटा द., लाडपुरा, रामगंज मंडी
- वर्तमान वॉर्ड्स के अनुसार वॉर्ड शामिल: कोटा दक्षिण के 20 से 23, 26 से 28, 44 से 58, 62, 65, लाडपुरा के वॉर्ड 6, 29, 33, 59 व 60 से 63 और रामगंज मंडी के वॉर्ड नं. 4, 5, 24 व 25

*जोधपुर, जयपुर और कोटा के निकाय प्रमुखों की आरक्षण लॉटरी पहले निकलेगी, वार्ड्स की बाद में।

गहलोत बोले- दो मेयर होने से तेजी से होगा विकास
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा- जयपुर, जोधपुर और कोटा में अब दो मेयर होने से शहरी विकास की गति और तेजी होगी। स्वस्थ प्रतिस्पर्धा से शहर का हर वॉर्ड, हर कोना निखरेगा। 

पायलट बोले- जो पार्षद का चुनाव नहीं जीत सकता, उसको सीधे मेयर बनाना गलत
सचिन पायलट ने  कहा कि इस निर्णय में बदलाव की जरूरत है। इसमें बैकडोर एंट्री होगी। इसमें लोकतंत्र को मजबूत करने वाली बात नहीं होगी। हमने पहले सीधे जनता की ओर से निकाय प्रमुख चुनने की बात कही थी, लेकिन उसको बदल दिया गया। यहां तक तो ठीक था, लेकिन पार्षद का चुनाव लड़े बिना या जीते बिना किसी को भी मेयर-सभापति बनाना गलत है। इस नियम पर दोबारा से विचार कराने के लिए सरकार में बात होगी।


एकतरफा निर्णय थोपा, सरकार दो भागों में बंटी : भाजपा
भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया ने कहा कि सरकार के टुकड़े साफ दिखाई दे रहे हैं। मंत्री और उपमुख्यमंत्री सरकार के निर्णय के खिलाफ हैं। जिस घर में झगड़ा हो, बंटवारा होता है। वह जनता का भला नहीं कर सकता। उपमुख्यमंत्री के बयान से साफ है कि उनको भी फैसले की जानकारी नहीं थी और ना ही कैबिनेट में चर्चा हुई। सरकार ने एकतरफा निर्णय किया है।

निकाय प्रमुखों के चयन के तरीके पर मंत्री भी जता चुके विरोध

निकाय चुनाव में महापौर-सभापति सहित अन्य निकाय प्रमुखाें के चयन के तरीके पर एक दिन पहले गुरुवार काे ही खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री रमेश मीना और परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने भी मेयर-सभापति चुने जाने संबंधी नए नियम का विराेध किया था। उन्हाेंने इसे फील्ड में काम करने वाले और चुनाव जीतकर आने वाले पार्षदों के साथ अन्याय बताया था।

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