गया (नारायण मिश्रा). यहां के अनुग्रह नारायण मगध मेडिकल कॉलेज (एएनएमएमएच) से 7 दिन पहले चोरी हुआ बच्चा अपनी मां को मिल गया। जिस महिला ने यह बच्चा खरीदा था, उसने दैनिक भास्कर कार्यालय में शुक्रवार शाम को सौंप दिया। महिला ने बताया, ‘‘अखबार में चोरी की खबर पढ़कर अच्छा नहीं लगा और बच्चे को उसके असली माता-पिता को सौंपने का फैसला लिया। इसलिए मैं इसे लेकर यहां आ गई।’’ बच्चे के परिवार ने इसका क्रेडिट दैनिक भास्कर को दिया। माता-पिता ने अपने नवजात वीरधवन का नाम बदलकर भास्कर चौधरी कर दिया है। उधर, आरोपी महिला को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। उसने चोरी की बात भी कबूली।
दरअसल, गुरुआ के सुरेन्द्र चौधरी की पत्नी सोनी ने 9 अक्टूबर की रात एएनएमएमसीएच में बेटे को जन्म दिया था। 10 अक्टूबर को एक महिला टीकाकरण के बहाने बच्चे को चुरा कर भाग गई पर वह सीसीटीवी में कैद हो गई। भास्कर ने बच्चे की तस्वीर समेत खबर प्रकाशित की। पुलिस को उस महिला के बारे में इनपुट मिले और उसे पुलिस ने बच्चा चुराने वाली महिला बेबी को 15 अक्टूबर को गिरफ्तार कर लिया। हालांकि, महिला ने पुलिस को कुछ भी नहीं बताया और बीमारी के बहाने मेडिकल कॉलेज में भर्ती हो गई।
बच्चा खरीदने वाली महिला ने बताया- 50 हजार में हुआ था सौदा
इस मामले में नया मोड़ 17 अक्टूबर की देर शाम आया। एक महिला भास्कर कार्यालय पहुंची। चोरी गए बच्चे को भास्कर को सौंपते हुए पूरी कहानी बताई। उसने बताया, " 20 साल से संतान को तरस रही थी। बेबी ने कहा था कि लावारिस बच्चा लाकर देगी। 50 हजार में सौदा तय हुआ। 25 हजार दे रखे थे। जब भास्कर में बेबी की तस्वीर देखी और चोरी की जानकारी हुई तो यहां आ गई।" इस महिला की पहचान उजागर नहीं की गई है। उधर, एसएसपी ने उसे सरकारी गवाह बनाते हुए बरी कर दिया। इसके बाद पुलिस ने नवजात को उसके मां-बाप को सौंप दिया।
पिता सुरेन्द्र चौधरी ने कहा कि बच्चे के जन्म के बाद हमने इसका नाम वीरधवन रखा था, लेकिन चोरी होने के बाद यह दैनिक भास्कर की मदद से मिला है। इसलिए इसका नाम भास्कर रख रहा हूं। उसने बताया कि इन सात दिनों में कई बुरे ख्याल आए। कई बार लगा कि पता नहीं उसके साथ क्या हुआ होगा।
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