Tuesday, 27th May 2025

मनमानी / नान: पीडीएस राशन परिवहन का टेंडर नियम विरुद्ध जाकर कर दिया गया रद्द

Wed, Oct 16, 2019 5:31 PM

 

  • प्राइज बिड खुलने के 13 दिनों बाद परिवहनकर्ता को नान के अफसरों ने आपत्ति की सूचना दी

 

सुकमा. छग राज्य नागरिक आपूर्ति निगम लिमिटेड द्वारा अप्रैल 2019 से मार्च 2020 तक जिले के सुकमा, कोंटा, दोरनापाल और छिंदगढ़ इलाके के उचित मूल्य की दुकानों में प्रदाय केंद्रों से पीडीएस राशन परिवहन के लिए जनवरी में हुई निविदा में नियमों को तोड़-मरोड़कर अनियमितता की जानकारी मिली है। नान द्वारा 14 जनवरी को ऑनलाइन निविदा महीनेभर में 14 फरवरी तक पूरी करनी थी। लेकिन यह निविदा 18 दिन देर से 5 मार्च को खोली गई। दोरनापाल व कोंटा इलाके के उचित मूल्य की दुकानों में पीडीएस राशन की सप्लाई के लिए नान द्वारा बुलाई गई पहली निविदा यानी टेंडर में किसी भी परिवहनकर्ता ने रुचि नहीं दिखाई थी। वहींं सुकमा व छिंदगढ़ इलाके के लिए टेंडर भरने वाले चार ट्रांसपोर्टर्स के सामने 5 मार्च को निविदा प्रक्रिया से जुड़े अफसरों ने पहले टेक्निकल बिड खोली। कोई आपत्ति न होने पर इसके बाद इसी दिन परिवहनकर्ताओं की प्राइज बिड भी खोली गई।


तो क्या राजनीतिक दबाव के बाद शुरू हुआ जांच का खेल...!: सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक पहली निविदा में शामिल एक अन्य परिवहनकर्ता ने अपने राजनीतिक पहुंच का लाभ लेकर निविदा प्रक्रिया से जुड़े अफसरों पर इस बात के लिए दबाव डाला कि कैसे भी उसे या उसके भाई को ही पीडीएस राशन परिवहन का टेंडर दिया जाए। विभागीय सूत्र बताते हैं कि राजनीतिक दबाव से अफसरों ने टेंडर में एल वन रहे कृष्णराज सिंह की निविदा से जुड़े दस्तावेज में खामियां ढूंढनी शुरु कर दी। टेक्निकल बिड खुलने के 13 दिनों बाद जिला नागरिक आपूर्ति निगम के प्रबंधक आकाश राही ने न्यूनतम दर में दूसरे नंबर पर रहे परिवहनकर्ता जितेंद्र कुमार विश्वकर्मा द्वारा निविदा से जुड़े दस्तावेज में आपत्ति दर्ज कराए जाने की लिखित सूचना परिवहनकर्ता कृष्णराज सिंह को भेजी।

यह भी जानिए ऐसे निरस्त किया गया टेंडर: निविदा दस्तावेजों में दूसरे परिवहनकर्ता द्वारा आपत्ति करने की सूचना के बाद 25 मार्च को कृष्णराज सिंह नान के कार्यालय पहुंचकर जिम्मेदारों को टेंडर के दौरान जमा किए गए सभी दस्‍तावेज के प्रमाणिक छायाप्रति दिखाई। मूल कॉपी दिखाए जाने पर भी अफसरों ने इंकार कर लौटा दिया। कृष्णराज का दावा है कि दस्तावेज सही हैं लेकिन आरटीओ की ओर ऑनलाइन दस्तावेज ठीक से अपडेट नहीं किए गए हैं। वो ऑरिजनल दस्तावेज दिखाने को तैयार हैं। ऐसे में आरटीओ की लापरवाही का नुकसान कृष्णराज को उठाना पड़ा। 3 दिन बाद नान प्रबंधक ने कृष्णराज को नोटिस दे दिया। 4 अप्रैल को प्रबंधक को लिखे अपने लिखित जबाव में परिवहनकर्ता ने कहा कि प्राइज बिड खुलने के कई दिनों बाद निविदा में शामिल दूसरे परिवहनकर्ताओं द्वारा आपत्ति दर्ज कराया जाना गलत है। जमा किए गए दस्तावेज आरटीओ से ऑनलाइन निकाले गए हैं। इसमें गलती के लिए आरटीओ कार्यालय के अफसर व कर्मचारी जिम्मेदार हैं। उन्होंने क्षेत्रिय परिवहन अधिकारी द्वारा प्रमाणित वाहन के फिटनेस, टैक्स एवं बीमा की वैध प्रमाणित दस्तावेज ही निविदा पोस्ट करने के दौरान जमा किए हैं। 

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