Saturday, 24th May 2025

ईरान / राष्ट्रपति रूहानी ने कहा- हम पर प्रतिबंध लगाकर अमेरिका ने मानवता के खिलाफ अपराध किया

Wed, Oct 16, 2019 5:11 PM

 

  • ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी ने कहा- किसी देश का समझौते से बाहर निकलना दूसरे देश के लिए अपमान जैसा
  • उन्होंने कहा- अमेरिका बिना किसी कारण और सऊदी अरब के दबाव के कारण जेसीपीओए समझौते से पीछे हटा
  • ईरान, जर्मनी, अमेरिका, चीन, रूस, ब्रिटेन और फ्रांस के बीच जुलाई 2015 में जेसीपीओए समझौता हुआ था
  • यह समझौता ईरान के परमाणु कार्यक्रम को सीमित करने के उद्देश्य से हुआ था

 

तेहरान. ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी ने मंगलवार को संयुक्त व्यापक कार्य योजना (जेसीपीओए) से हटने के लिए अमेरिका पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि अमेरिका ने ईरान पर प्रतिबंध लगाकर मानवता के खिलाफ अपराध किया है।

आईआरएनए न्यूज एजेंसी के मुताबिक, रूहानी ने विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की क्षेत्रीय समिति के 66वें सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि बिना किसी कारण और घरेलू चरमपंथियों और सऊदी अरब के दबाव के कारण अमेरिका जेसीपीओए से पीछे हट गया। किसी देश का समझौते से बाहर निकलना दूसरे देश के लिए अपमान जैसा है।

रूहानी ने अमेरिका के कदम को आर्थिक आतंकवाद बताया

उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद द्वारा समर्थित किसी समझौते से बाहर निकलना बड़ी बात है। यह मसला तब और बड़ा हो जाता है जब वे (अमेरिका) दवाओं और खाने की चीजों पर प्रतिबंध लगा देते हैं। निस्संदेह अमेरिका ने मानवता के खिलाफ अपराध किया है। यह आर्थिक आतंकवाद है।

जेसीपीओए का उद्देश्य परमाणु हथियार कार्यक्रमों को रोकना था

ईरान, जर्मनी और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के पांचों स्थायी सदस्यों- अमेरिका, चीन, रूस, ब्रिटेन और फ्रांस के बीच जुलाई 2015 में जेसीपीओए समझौता हुआ था। ईरान के नागरिक ऊर्जा (परमाणु) कार्यक्रम को सीमित करने के उद्देश्य से जेसीपीओए समझौता हुआ था। इस समझौते के तहत ईरान अपने ऊपर लगे अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों को हटाने की एवज में अपने परमाणु हथियार कार्यक्रम को रोकने पर सहमत हुआ था।

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