बिलासपुर. आतंकी संगठन सिमी से सम्बंध और पटना के बोध गया में हुए आतंकी हमले में शामिल होने के मामले में अजरुद्दीन को जेल भेज दिया गया। सोमवार की दोपहर छत्तीसगढ़ के बिलासपुर स्थित एनआईए कोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए 10 दिन की न्यायिक रिमांड पर आरोपी को जेल भेजा। अजरुद्दीन का एक नाम केमिकल भाई भी है। यह नाम मिलने की कहानी तबाही से भरी हुई है। पूलिस सूत्रों के मुताबिक, आरोपी ने बताया कि रायपुर में रहते हुए उसने केमिकल से बम बनाने की ट्रेनिंग ली थी। इसे पूरा करने के बाद उसका नाम केमिकल भाई पड़ा। साल 2013 में रायपुर पुलिस ने जब सिमी से जुड़े लोगों के खिलाफ कार्रवाई की तब यह डरकर भाग गया था। आरोपी साउदी अरब में रह रहा था। उसका हैदराबाद भी आना-जाना था। यहीं से पिछले दिनों आरोपी को गिरफ्तार किया गया था।
गिरफ्तारी के बाद अजरुद्दीन के बारे में कई पहलू सामने आ रहे हैं। इसे सिमी के अबू फजल उर्फ डॉक्टर का करीबी बताया जा रहा है। अबू को इसी मामले में एमपी पुलिस ने गिरफ्तार किया था। आरोपी मूलत: रायपुर के मौदहापारा इलाके का निवासी है। उसका बड़ा भाई छत्तीसगढ़ पुलिस पदस्थ है। साल 2013 में पुलिस ने सिमी आतंकी होने के आरोप में 16 लोगों को गिरफ्तार किया था। अजहर पर आरोप है कि उसने सिमी के कार्यकर्ताओं की रायपुर में मदद की थी। उन्हें यहां ठहरने के लिए जगह दिलाई। उसकी सिमी के कार्यकर्ताओं से बातचीत भी होती थी। उसके कॉल डिटेल में इसका खुलासा हुआ है।
रायपुर के ही राजा तालाब में रहने वाले उमर सिद्दीकी इस मामले में सरगना के तौर पर पेश किए गए थे। इन पर सीधे तौर पर बोध गया ब्लास्ट की साजिश में भी शामिल होने के आरोप थे। यह बिहार जेल में आजीवन कारावास की सजा काट रहे हैं। आरोपियों ने गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री व वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को खत्म करने की भी साजिश रची थी। छत्तीसगढ़ एटीएस ने उन्हें पहले ही पकड़ लिया। इसी में अजहर का भी नाम सामने आया था। पुलिस को उम्मीद है कि अजहर की गिरफ्तारी के बाद कई और खुलासे आने वाले दिनों में होंगे।
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