नई दिल्ली. भारत सरकार मलेशिया के खिलाफ व्यापारिक कार्रवाई की तैयारी कर रहा है। रॉयटर्स न्यूज एजेंसी ने अपनी रिपोर्ट में सरकारी सूत्रों के हवाले से बताया कि मलेशिया से आयात होने वाले पाम ऑयल समेत अन्य चीजों पर प्रतिबंध लगाया जा सकता है। दरअसल, मलेशिया ने संयुक्त राष्ट्र में कश्मीर मुद्दे पर पाकिस्तान का साथ देते हुए भारत की कार्रवाई को गलत बताया था। भारत ने इसके लिए मलेशिया सरकार को सख्त संदेश भी भेजा है।
रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में कुल खाद्य तेल की खपत में पाम ऑयल का हिस्सा करीब दो तिहाई है। भारत हर साल 90 लाख टन पाम ऑयल का आयात करता है। इनमें इंडोनेशिया और मलेशिया का बड़ा हिस्सा है। भारत ने 2019 के शुरुआती नौ महीनों में मलेशिया से सबसे अधिक 39 लाख टन ऑयल आयात किया।
भारत में पाम ऑयल अर्जेंटीना और यूक्रेन से भी आयात होता है। सूत्रों के मुताबिक, मलेशिया से आयात होने वाले पाम ऑयल पर भारत आंशिक या पूरी तरह प्रतिबंध लगा सकता है, जिसका सबसे ज्यादा फायदा इंडोनेशिया को होगा।
प्रतिबंध से संबंधित रिपोर्ट सामने आने के बाद मलेशिया के प्रधानमंत्री महातिर मोहम्मद ने शुक्रवार को कहा कि उन्हें भारत से इस प्रकार की कोई सूचना नहीं मिली है। रॉयटर्स की रिपोर्ट के बाद बाजार में मलेशिया में पाम ऑयल में पिछले पांच दिनों के मुकाबले भाव में कमी देखी गई।
मुंबई के एक तेल व्यापारी ने कहा कि यदि मलेशिया से पाम ऑयल आयात पर प्रतिबंध लग जाए, तब भी भारत में खाद्य तेल में किसी प्रकार की कोई कमी नहीं होगी। वहीं, इंडोनेशिया भी चाहता है कि भारत सरकार उनसे पाम ऑयल के आयत में बढ़ोत्तरी करे और इसके बदले में शकर का निर्यात करे।
पिछले महीने यूएन महासभा में महातिर ने जम्मू-कश्मीर के हालात पर टिप्पणी करते हुए इसे भारत का आक्रमण करार दिया था। मोहम्मद ने भारत को पाकिस्तान से बातचीत करने की सलाह भी दी थी। वहीं तुर्की के राष्ट्रपति रीसेप तायिब अर्दोआन ने कहा था कि भारत-पाकिस्तान के बीच इस मुद्दे पर समझौते की जरूरत है। यह मुद्दा टकराव की बजाय बातचीत से हल किया जाना चाहिए।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने इस पर कहा था कि हम मलेशिया और तुर्की सरकार को कहेंगे कि वह कोई भी बयान देने से पहले जमीनी हकीकत को समझ ले। ये मुद्दा पूरी तरह भारत का आंतरिक मामला है।
Comment Now