दुर्ग. गलतफहमी में हुए विवाद के चलते गणेश भारती हत्याकांड में षष्टम अपर सत्र न्यायाधीश विजय कुमार साहू की अदालत से बाप-बेटों सहित 12 लोगों को उम्रकैद की सजा सुनाई है। घटना वर्ष 2016 में भिलाई-3 थाना क्षेत्र के ग्राम पथर्रा की है। पानी भरने के दौरान मृतक गणेश के भांजे के साथ मुख्य आरोपी दशरथ भारती की बहू का विवाद हुआ था। मृतक पक्ष के थाने में जाने से गुस्साए आरोपी जगन्नाथ व उसके बेटों ने सहयोगियों के साथ मिलकर गणेश की लाठी-डंडों से पीट हत्या कर दी थी।
अतिरिक्त लोक अभियोजक नागेश्वर यदु ने बताया कि विवाद की शुरुआत गलतफहमी से हुई। 13 मार्च 2016 की रात मृतक गणेश का भांजा जगन्नाथ भारती अपने दोस्त अक्षय के साथ पानी भरने प्राथमिक शाला के नल के पास पहुंचा। जगन्नाथ ने दोस्त को उसके नहाने के लिए पानी भरने की बोला। इस पर अक्षय ने जवाब दिया कि मैं तुम्हारी बीवी नहीं हूं। पास में खड़ी आरोपी की बहू निशा को लगा कि उन्होंने उसके ऊपर कमेंट्स किया। इसी गलतफहमी की वजह विवाद शुरू हो गया और उसके ससुर ने युवक की हत्या कर दी।
इस पर घर की बहू के साथ हुए अपमान का बदला लेने देवर करण भारती अपने साथियों के लेकर गणेश के भांजे जगन्नाथ से बदला लेने पहुंचे। उस दौरान बीच-बचाव में उतरे गांव के लल्लू उर्फ दीपक भारती के साथ मारपीट कर दी। लल्लू ने भिलाई-3 थाने जाकर देवर करण भारती, संजय और नहूस भारती के खिलाफ मामला दर्ज करा दिया। आरोपियों को इसका पता चला तो गुस्से में दशरथ भारती परिवार के दर्जनभर से ज्यादा लोगों के साथ गणेश के घर लाठी-डंडे और फरसा लेकर पहुंच गया।
जिस समय आरोपियों ने मृतक के घर धावा बोला उस दौरान अंदर उसके अलावा जगन्नाथ, विशाल, धनेश्नवर, टेटे उर्फ संगीत और राहुल भारती मौजूद था। दर्जनों की संख्या में हथियारों से लैस लोगों की जानकारी मिलते पर गणेश समेत परिवार के सभी पिछले दरवाजे से भाग गए। वहां से सभी लोग प्राथमिक शाला की स्कूल बाउंड्रीवाल को पार करके गांव से बाहर निकलने लगे। गणेश को छोड़कर सभी लोग खेत की ओर निकल भागे। गणेश के पार नहीं कर पाने की वजह अकेला फंस गया।
गणेश के भांजे ने गलतफहमी की बात समझाने कोशिश की, नहीं मानी : दो दोस्तों की आपसी बातचीत को अपने ऊपर लेकर मुख्य आरोपी दशरथ भारती की बहू निशा दोनों से झगड़ा करने लगी। जगन्नाथ भारती ने गलतफहमी का शिकार होने का हवाला दिया। समझा घर भेज दिया। मृतक के भांजे को लेकर कि मामला शांत हुआ। फिर निशा के घर पहुंचते ही ससुर ने हत्या करने की योजना बना ली।
आरोपियों से बचकर घर पहुंचने पर मामा नहीं दिखा : घटना के करीब घंटेभर पर आरोपियों के बचता हुआ जगन्नाथ भारती अपने अन्य साथियों के संग घर पहुंच गया। लेकिन वहां उसे मामा गणेश नहीं दिखाई दिया। इस पर उसे खोजते-खोजते स्कूल की बाउंड्रीवाल के पास पहुंचा, वहां शौचालय के पास रक्त रंजित अवस्था में गणेश पड़ा हुआ था।
अतिरिक्त लोक अभियोजक ने बताया कि प्रकरण मुख्य आरोपी दशरथ भारती के अलावा उसके दोनों बेटे कोमल भारती और करण भारती को भी आजीवन कारावास की सजा हुई है। तीनों के अलावा कुल 12 आरोपियों में नहुस भारती, पंचु राम टंडन, संजय भारती, अमित कुमार टंडन, बखारी भारती, मेघनाथ टंडन, अविनाश टंडन, मनीष टंडन, अमोल दास उर्फ अमूल दास को कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा दी।
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