भोपाल. आज दुनियाभर में वर्ल्ड ओबेसिटी-डे मनाया जा रहा है। ओबेसिटी मतलब मोटापा जो खुद एक भयानक बीमारी है और अन्य कई प्रकार की बीमारियों का कारक भी है। इस बारे में इंदौर के मोहक बैरियाट्रिक एंड रोबोटिक्स सेंटर के डॉ. मोहित भंडारी से दैनिक भास्कर ने विशेष चर्चा की। मोटापे से पीड़ित 30 हजार से ज्यादा मरीजों का इलाज और 12 हजार से ज्यादा सर्जरी कर चुके डॉ. भंडारी कहते हैं कि मोटापे के इलाज को लेकर कई भ्रांतियां हैं, लेकिन आधुनिकतम बैरियाट्रिक सर्जरी और एनलाइटन प्रोग्राम बहुत कारगर है।
सवाल- #100livestransformed संकल्प क्या है?
जवाब- हमने ऐसे 100 मरीजों को चिह्नित किया है जो पैसों की दिक्कत के कारण सर्जरी नहीं करा पा रहे थे। इन 100 मरीजों का हम रियायती दरों पर इलाज करेंगे। इसे हमने फिट इंडिया मूवमेंट की तर्ज पर लागू किया है।
सवाल- वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड बनाने का क्या उद्देश्य था?
जवाब- रिकॉर्ड बनाने के पीछे कभी कोई उद्देश्य नहीं था। सामान्य दिन की तरह उस दिन भी मैं और मेरी टीम सर्जरी करते चले गए। मुझे मेरी टीम ने बताया कि हमने 13 घंटे 20 मिनट में 53 सर्जरी का रिकॉर्ड बनाया है।
सवाल- आप विदेशों में भी सर्जरी करने जाते हैं?
जवाब- हां, मेरे पास जर्मनी, ऑस्ट्रेलिया, बेल्जियम और चीन में बैरियाट्रिक सर्जरी करने का लाइसेंस है। हाल ही में मैंने स्पेन में मोटापे से पीड़ित 219 किलो वजनी जर्मन महिला की सर्जरी की थी, जिसके लिए स्पेनिश मेडिकल यूनिवर्सिटी ने विशेष लाइसेंस भी दिया था।
सवाल- मेडिकल के क्षेत्र में मोटापे के इलाज को लेकर क्या नए कदम उठाए गए हैं?
जवाब- हमने भारत का पहला नॉन-सर्जिकल वेट लॉस प्रोग्राम शुरू किया है, जिसका नाम है- एनलाइटन। मैंने इस प्रोग्राम को साल 2017 में शुरू किया था और अब तक इस पद्धति से 100 मरीजों का इलाज कर चुका हूं।
सवाल- मोटापा अन्य बीमारियों का भी कारण हो सकता है?
जवाब- हां बिल्कुल हो सकता है। 30 बीएमआई से ज्यादा मोटापा किडनी, लीवर और पैनक्रियाज को प्रभावित कर डायबिटीज, बीपी, हाईपरटेंशन और कई अन्य बीमारियों को जन्म दे सकता है। एक रिसर्च के मुताबिक मोटे व्यक्ति में 13 तरह के कैंसर की आशंका 4 गुना बढ़ जाती है।
सवाल- डाइट-एक्सरसाइज से मोटापा कंट्रोल कर सकते हैं?
जवाब-- ज्यादातर लोगों को ये गलतफहमी है कि मोटापे का एकमात्र कारण खानपान की गलत आदत या अनियमित लाइफ स्टाइल है। दरअसल, मोटापा कई कारणों से होता है, इसलिए इसके उपचार के लिए खुद डॉक्टर बनने की जगह विशेषज्ञ से सलाह लेना बेहतर होता है।
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