नई दिल्ली. रैनबैक्सी और फोर्टिस हेल्थकेयर के पूर्व प्रमोटर मलविंदर सिंह को भी दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने शुक्रवार को गिरफ्तार कर लिया। दिल्ली पुलिस के लुकआउट नोटिस पर मलविंदर को बीती रात लुधियाना पुलिस ने हिरासत में लिया था। ईओडब्ल्यू की टीम उन्हें दिल्ली लेकर आई। दूसरे भाई शिविंदर सिंह को गुरुवार को ही गिरफ्तार कर लिया था। रेलिगेयर फिनवेस्ट कंपनी की शिकायत पर ये कार्रवाई की गई। शिविंदर-मलविंदर रेलिगेयर फिनवेस्ट के भी पूर्व प्रमोटर हैं। उन पर 2397 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी के आरोप हैं। ईओडब्ल्यू ने शिविंदर-मलविंदर के अलावा कवि अरोड़ा, सुनील गोधवानी और अनिल सक्सेना को भी गिरफ्तार कर लिया। ये तीनों रेलिगेयर फिनवेस्ट के प्रबंधन में शामिल थे।
शिविंदर-मलविंदर फोर्टिस विवाद में भी आरोपी
साल 2016 में दोनों भाइयों ने फोर्ब्स की 100 सबसे अमीर भारतीयों की लिस्ट में 92वें नंबर पर जगह बनाई थी। उस वक्त दोनों की संपत्ति 8,864 करोड़ रुपए थी। पिछले साल शिविंदर और मलविंदर सिंह पर आरोप लगे कि उन्होंने फोर्टिस के बोर्ड के अप्रूवल के बिना 500 करोड़ रुपए निकाल लिए। फरवरी 2018 तक मलविंदर फोर्टिस के एग्जीक्यूटिव चेयरमैन और शिविंदर नॉन-एग्जीक्यूटिव वाइस चेयरमैन थे। फंड डायवर्ट करने के आरोपों के बाद दोनों को बोर्ड से निकाल दिया गया। शिविंदर और मलविंदर सिंह ने 1996 में फोर्टिस हेल्थकेयर की शुरुआत की थी।
रैनबैक्सी की डील भी विवादित रही
जापान की दवा कंपनी दाइची सैंक्यो ने 2008 में मलविंदर-शिविंदर सिंह से रैनबैक्सी को खरीदा था। बाद में दाइची ने आरोप लगाया कि सिंह बंधुओं ने रैनबैक्सी के बारे में अहम जानकारियां छिपाईं। उसने सिंगापुर ट्रिब्यूनल में शिकायत की थी।
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