नई दिल्ली. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह फ्रांस दौरे से गुरुवार रात दिल्ली लौटे। यहां उन्होंने कहा कि भारत को अगले साल अप्रैल-मई तक 7 राफेल लड़ाकू विमान मिल जाएंगे। यह विमान 1800 किमी प्रति घंटा की गति पाने में सक्षम है। मैंने इसमें 1300 किमी प्रति घंटे की स्पीड पर उड़ान भरी। राफेल विमानों को देश में लाने का पूरा श्रेय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जाता है। फ्रांस में शस्त्र पूजा पर राजनाथ ने कहा कि अलौकिक शक्ति में हमारा विश्वास है।
‘फ्रांस दौरा कामयाब रहा’
राजनाथ ने कहा, ‘‘फ्रांस दौरा कामयाब रहा। राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों से करीब 35 मिनट मुलाकात हुई। भारत अपनी रक्षा क्षमता बढ़ाने को लेकर किसी का भी दखल बर्दाश्त नहीं करेगा।’’ राजनाथ ने यह भी कहा कि राफेल के वायुसेना में शामिल होने के बाद हमारी युद्धक क्षमता कई गुना बढ़ जाएगी।
राफेल की शस्त्र पूजा पर उन्होंने कहा, ‘‘लोग तो जो चाहते हैं, कहते हैं। मैंने वही किया, जो सही था और आगे भी इसे जारी रखूंगा। ब्रह्मांड में कोई अलौकिक शक्ति है, यह हमारी आस्था है। मेरा इसमें बचपन से भरोसा रहा है।’’
रक्षा मंत्री ने यह भी कहा, ‘‘किसी भी धर्म के लोगों को उनकी मान्यताओं के आधार पर पूजा-प्रार्थना करने का अधिकार है। अगर कोई ऐसा करता है, तो मैं कभी सवाल नहीं उठाऊंगा। हां, कांग्रेस का विचार उस मुद्दे पर विचार थोड़ा अलग है। यह हर व्यक्ति की सोच नहीं है। ’’
‘राफेल पर सवाल उठाने वालों को जवाब मिल चुका है’
रक्षा मंत्री के मुताबिक, ‘‘राफेल डील को लेकर प्रधानमंत्री मोदी पर जो आरोप लगाए गए, वे निराधार हैं। प्रधानमंत्री के खिलाफ भद्दी भाषा का प्रयोग किया गया। मुझे लगता है कि इस मुद्दे पर देश की जनता ने अपना जवाब दे दिया है।’’
राजनाथ की शस्त्र पूजा के समर्थन में सिंघवी और पाकिस्तान सेना
राजनाथ की फ्रांस में शस्त्र पूजा का कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने समर्थन किया है। सिंघवी ने गुरुवार को ट्वीट किया, ‘‘केवल दो चीजें अनंत हैं- ब्रह्मांड और विस्तार। तमाम हल्की बातों को किनारे रख दें। अगर कोई भारतीय हमारी परंपरानुसार पूजा करता है, तो किसी को उसकी आलोचना करने की जरूरत नहीं है। रक्षा मंत्री ने केवल अपनी परंपरा का निर्वहन किया।’’
वहीं, पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता आसिफ गफूर ने ट्वीट किया, ‘‘किसी धार्मिक व्यक्ति द्वारा राफेल की पूजा करने में कुछ गलत नहीं है। इसका सम्मान होना चाहिए। याद रखें, यह अकेली मशीन नहीं है, जो मायने रखती है। उस मशीन को संभालने वाले इंसान की क्षमता, जुनून और संकल्प भी अहमियत रखता है।’
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