Wednesday, 11th June 2025

बयान / दिग्विजय ने कहा- जब भागवत एकता का संदेश देने लगेंगे तो कांग्रेस को संघ से कोई परेशानी नहीं होगी

Wed, Oct 9, 2019 6:55 PM

 

  • कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने कहा- जिस दिन से भागवत गांधीजी के संदेश पर चलने का फैसला करेंगे, मॉब लिंचिंग भी खत्म हो जाएगी
  • एआईएमआईएम के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा- भाजपा किसान आत्महत्या, बेरोजगारी की समस्या छोड़कर अनुच्छेद 370 और हिंदू-मुस्लिम जैसे भावनात्मक मुद्दों को उठाने में व्यस्त
  • संघ प्रमुख मोहन भागवत ने मंगलवार को कहा था- लिंचिंग जैसे शब्द की आड़ में भारत और हिंदू समाज काे बदनाम करने का षड्यंत्र चल रहा है

 

भोपाल. कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह और एआईएमआईएम के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने मंगलवार को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत पर निशाना साधा। जहां सिंह ने कहा कि जिस दिन भागवत एकता का संदेश देना शुरू कर देंगे, उस दिन से हमारी पार्टी का संघ से सभी मतभेद भी खत्म हो जाएगा। वहीं, ओवैसी ने कहा कि भागवत को न तो संविधान पर भरोसा है और न ही संविधान निर्माता बीआर अंबेडकर पर।

दिग्विजय ने संवाददाताओं से यहां कहा कि जिस दिन से वे (संघ) प्यार और गांधीजी के संदेश पर चलने का फैसला करेंगे, मॉब लिंचिंग और नफरत भी खत्म हो जाएगी।

महाराष्ट्र के जलना जिले में चुनावी रैली में ओवैसी ने कहा कि मुस्लिम, दलित और यहां तक कि हिंदू भी मॉब लिंचिंग की घटनाओं का शिकार हुए हैं। लिंचिंग करने वाले अपराधी महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे के वंशज हैं। हैदराबाद के सांसद ने तत्कालिन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद नई दिल्ली में हुए 1984 के सिख विरोधी दंगे और 2002 के गुजरात दंगे को भी मॉब लिंचिंग की घटना बताया। देश में किसान आत्महत्या, बेरोजगारी, महंगाई की समस्या है। लेकिन, भाजपा अनुच्छेद 370, पाकिस्तान और हिंदू-मुस्लिम जैसे भावनात्मक मुद्दों को उठाने में व्यस्त है।

भागवत ने कहा था- लिंचिंग भारत की परंपरा नहीं

इससे पहले संघ प्रमुख ने विजयादशमी पर स्वयंसेवकाें काे संबाेधित करते हुए कहा था कि लिंचिंग भारत की परंपरा नहीं है। यह पश्चिम का विचार है। लिंचिंग जैसे शब्द की आड़ में भारत और हिंदू समाज काे बदनाम करने का षड्यंत्र चल रहा है। अल्पसंख्यकाें काे भयभीत किया जा रहा है। एक समुदाय के व्यक्ति द्वारा दूसरे समुदाय के व्यक्ति को सामूहिक हिंसा का शिकार बनाने या मारने के समाचार छपे हैं। ऐसी घटनाएं एकतरफा नहीं, बल्कि दाेनाें तरफ से हुई हैं। कुछ घटनाएं जानबूझकर करवाई गईं और कुछ विस्तृत रूप से प्रकाशित की गईं।'

'लिंचिंग से कानून के जरिये निपटना हाेगा'
भागवत ने कहा, ‘‘हिंसा की ऐसी घटनाएं सामाजिक संबंधाें पर असर दिखाती हैं। यह प्रवृत्ति हमारे देश की परंपरा में नहीं है। हमारे संविधान में भी यह बात नहीं है। लिंचिंग शब्द कहां से आया? एक समुदाय के धर्मग्रंथ में जिक्र है कि एक महिला को जब सब पत्थर मारने लगे तो ईसा मसीह ने कहा कि पहला पत्थर वो मारे जो पापी ना हो। हमारे यहां ऐसा कुछ नहीं हुआ। दूसरे देश की परंपरा के शब्द भारत पर थोपने की कोशिश हो रही है।’’ उन्हाेंने कहा कि ऐसी घटनाओं से कानून के जरिये ही निपटना पड़ेगा। ऐसी घटनाओं का संघ ने कभी समर्थन नहीं किया।

भारत काे हिंदू राष्ट्र मानने पर संघ अडिग
भागवत ने कहा कि संघ अपने नजरिये पर अडिग है कि भारत हिंदू राष्ट्र है। राष्ट्र के वैभव और शांति के लिए काम कर रहे सभी भारतीय हिंदू हैं। अपने राष्ट्र अाैर हम सबकी सामूहिक पहचान के बारे में संघ का विचार स्पष्ट और अडिग है कि भारत हिंदुस्तान, हिंदू राष्ट्र है।

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