रायपुर . स्वास्थ्य विभाग ने निलंबित डीजीपी मुकेश गुप्ता के एमजीएम अस्पताल की मान्यता रद्द कर दी है। साथ ही मिकी मेमोरियल ट्रस्ट की मान्यता भी रद्द कर दी गई है। अब अस्पताल को सरकार की तरफ से हर साल दिए जाने वाले तीन-चार करोड़ रुपए भी नहीं दिए जाएंगे। यही नहीं आयुष्मान भारत योजना व एमएसबीवाय के तहत मरीजों का इलाज नहीं होगा। सरकारी कर्मचारियों के इलाज के लिए मान्यता प्राप्त अस्पताल से एमजीएम का नाम हटा दिया जाएगा। यानी अब वहां सरकारी कर्मचारियों का भी इलाज नहीं होगा।
ट्रस्ट की मान्यता रद्द होने से अस्पताल प्रबंधन स्वास्थ्य शिविर नहीं लगा पाएगा। यही नहीं शासन के साथ मिलकर जो सोशल वेलफेयर के कार्यक्रम होते थे, वे भी नहीं हो पाएंगे। एडीएम ने अस्पताल में हुए 10 साल के ऑडिट व ट्रस्ट में शामिल सभी लोगों के आय का ब्यौरा मांगा था, लेकिन एमजीएम प्रबंधन ने इसकी कोई जानकारी नहीं दी। इसके बाद एसडीएम ने कई और नोटिस भेजे। सामान्य प्रशासन विभाग के निर्देश के बाद हेल्थ डायरेक्टर नीरज बनसोड़ ने मान्यता रद्द करने की कार्रवाई की है। अस्पताल का नाम नान घोटाले से भी जुड़ा है। मुकेश गुप्ता जब महत्वपूर्ण पदों पर रहे, तब नान घोटाले के आरोपी चिंतामणि चंद्राकर हर महीने अस्पताल को 25 लाख देता था। ईओडब्लू और एंटी करप्शन ब्यूरो की जांच में इसकी पुष्टि हुई है।
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