रायपुर . छत्तीसगढ़ में बाघों की अनुमानित संख्या नई गणना में 40 से घटकर 19 होने का नया खुलासा हुआ है। बाघों की गणना करने वाली टीम नक्सली घुसपैठ वाले इलाकों में गई ही नहीं। उन्होंने इंद्रावती और उदंती टाइगर रिजर्व फॉरेस्ट के ऐसे इलाकों को छोड़ दिया, जहां बाघों की पहले मौजूदगी के प्रमाण मिल चुके हैं, लेकिन अब वहां नक्सली मूवमेंट है। नक्सलियों के कारण टीम वहां पहुंची नहीं और बाकी जगह जितने प्रमाण मिले उसके आधार पर रिपोर्ट बनाकर भेज दी।
बाघों की गिनती में ऐसी चूक की वजह से अनुमानित संख्या पांच साल पहले की गई गणना की तुलना में आधे से कम हो गई।
वन विभाग के अफसरों के अनुसार अभी केंद्रीय वन मंत्रालय ने फिलहाल गणना की विस्तृत रिपोर्ट नहीं भेजी है। अभी ऐसी रिपोर्ट आनी बाकी है, जिसमें एक-एक सेंचुरी और टाइगर रिजर्व फॉरेस्ट का जिक्र रहेगा कि कौन सी सेंचुरी और टाइगर रिजर्व फॉरेस्ट में कितने बाघ हैं। अफसरों का कहना है कि उस रिपोर्ट के बाद ही यहां पत्र भेजकर बताया जाएगा कि गणना के दौरान कई ऐसे इलाकों को छोड़ दिया गया, जहां वन विभाग के कर्मचारी पूर्व में खुद ही बाघों को देख चुके हैं। इस बार ऐसे कई इलाकों में गिनती करने टीम नहीं पहुुंची। वहां बाघ की फोटो खींचने के लिए कैमरा भी नहीं लगाया गया था। ऐसी स्थिति में वहां गणना नहीं होने से ही बाघों की संख्या इतनी कम हो गई है।
गौरतलब है कि इसी साल अगस्त में देशभर में बाघों की संख्या को लेकर रिपोर्ट जारी की गई। उसमें छत्तीसगढ़ में अनुमानित संख्या 19 बताई गई, जबकि पिछले साल ये संख्या 38 से 40 के आस-पास बताई गई थी। एक ही साल में संख्या कम होने से वन विभाग में बवाल मच गया। वन विभाग ने एक आईएफएस के नेतृत्व वन्य प्राणी विशेषज्ञों की एक टीम पन्ना भेजी। वहां के टाइगर रिजर्व में बाघों की संख्या कुछ ही वर्षों में काफी बढ़ गई। वहां क्या फार्मूला अपनाया जा रहा है, ये जानने के लिए ही टीम वहां भेजी गई थी।
वाइल्ड लाइफ इंस्टीट्यूट को भेजेंगे प्रोजेक्ट : पन्ना में सर्वे के बाद बाघोें की संख्या बढ़ाने को लेकर जो सर्वे रिपोर्ट सामने आई है, उसे वाइल्ड लाइफ इंस्टीट्यूट भेजा जाएगा। वहां के विशेषज्ञों से रिपोर्ट के आधार पर उसे पूरा करने में मदद मांगी जाएगी। अफसरों के अनुसार विशेषज्ञों की मदद से उस प्लान को अमल में लाया जाएगा, ताकि बाघों की संख्या को बढ़ाया जा सके। छत्तीसगढ़ में अचानक टाइगर रिजर्व फॉरेस्ट के अलावा, उदंती सीतानदी, इंद्रावती टाइगर रिजर्व फॉरेस्ट है।
पन्ना से लौटे विशेषज्ञों की रिपोर्ट में ये सुझाव
गणना के लिए लिखेंगे पत्र : अब नए सिरे से गणना के लिए पत्र लिखा जाएगा। छत्तीसगढ़ में बाघ इतने कम नहीं हो सकते। गणना में चूक के कारण ही संख्या इतनी कम हुई है। - अतुल शुक्ला, प्रधान मुख्य वन संरक्षक
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