हॉन्गकॉन्ग. प्रत्यर्पण कानून के प्रस्ताव के विरोध में हॉन्गकॉन्ग में जारी प्रदर्शन शनिवार को हिंसक हो गया। दरअसल, 1 अक्टूबर को चीन ने कम्युनिस्ट सरकार की 70वीं वर्षगांठ पर यहां भव्य समारोह किया था। इस दौरान पुलिस की गोली से 18 साल के प्रदर्शनकारी की मौत हो गई थी। इस घटना से लोग नाराज हैं।
शनिवार को यहां रेलवे स्टेशनों समेत कई सरकारी और निजी प्रतिष्ठानों में तोड़फोड़ की गई। इसके बाद फिलहाल रेलवे स्टेशनों को बंद कर दिया गया है। सरकार आपात शक्तियों का इस्तेमाल करने और नकाब पर पाबंदी लगाने के बारे में विचार कर रही है। इसके खिलाफ शुक्रवार को हजारों लोगों ने नकाब पहनकर विरोध प्रदर्शन किया था।
रेलवे स्टेशनों की मरम्मत के लिए सेवा बंद की गई
रेलवे प्रबंधन ने कहा, ‘‘प्रदर्शनकारियों ने कई जिलों में रेलवे स्टेशनों पर तोड़फोड़ की। हमने अपने स्टाफ की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए और स्टेशनों की मरम्मत के लिए रेलवे सेवा बंद की है। हमने कर्मचारियों को निर्देश दिया है कहा कि वे सावधानीपूर्वक क्षतिग्रस्त स्टेशन पर जाएं और नुकसान की समीक्षा कर सुधार के काम शुरू करें।’’
पेपे द फ्रॉग लोकतंत्र का प्रतीक बन गया
पिछले एक हफ्ते से प्रदर्शनकारी दीवारों, बैनरों और तख्तियों पर एक मेंढक की तस्वीर दिखाई दे रही है। इसे ‘पेपे द फ्रॉग’ कहते हैं, जो लोकतंत्र के समर्थकों का प्रतीक बन गया। प्रदर्शन के दौरान पेपे के सॉफ्ट खिलौने भी दिखने लगे हैं। इस हफ्ते हुए प्रदर्शन में सैकड़ो प्रदर्शनकारियों ने मानव श्रंखला बनाई और तकरीबन सभी लोगों के पास पेपे के स्टीकर, बैनर और खिलौने थे।
हॉन्गकॉन्ग के आजादी अभियान से पेपे फिर जिंदा हो गया: फ्यूरी
अमेरिकी कॉमिक कलाकार मैट फ्यूरी ने 2005 में पेपे कैरेक्टर बनाया था। अमेरिकी चुनाव अभियान में जब ट्रम्प समर्थकों ने इसका इस्तेमाल किया तो फैरी ने इस कैरेक्टर को मृत बता दिया। हालांकि हॉन्गकॉन्ग के प्रदर्शनों में आजादी समर्थकों ने इसे आजादी का प्रतीक बताया तो फैरी ने कहा कि यह फिर जिंदा हो गया।
Comment Now