Friday, 13th June 2025

छत्तीसगढ़ / सीएम भूपेश बोले- सावरकर का शिष्य था गोडसे, उसे मानव बम बनाकर भेजा था

Fri, Oct 4, 2019 6:34 PM

 

  • महात्मा गांधी की 150वीं जयंती पर विधानसभा के दो दिवसीय विशेष सत्र में जमकर हंगामा
  • गोडसे के साथ सावरकर का नाम लेने पर भड़के भाजपाइयों ने गांधी प्रतिमा के सामने की नारेबाजी

 

रायपुर. महात्मा गांधी की 150वीं जयंती पर बुलाया गया विधानसभा का विशेष सत्र भी राजनीति और हंगामे की भेंट चढ़ने लगा है। दो दिवसीय सत्र के दूसरे दिन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने वीर सावरकर पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि इतिहास में पर्याप्त सबूत हैं कि सावरकर के शिष्य थे गोडसे। गोडसे को मानव बम बनाकर भेजा गया। मुख्यमंत्री के इस बयान पर भाजपा भड़क उठी और सदन से वॉकआउट कर दिया। इसके बाद भाजपाई बाहर अाकर परिसर में ही स्थापित गांधी प्रतिमा के सामने बैठ गए और नारेबाजी करने लगे। वहीं कांग्रेसी भी सावरकर मुर्दाबाद के नारे लगाते हुए बाहर आ गए।

द्विराष्ट्र का सिद्धांत सावरकर की देन, आज विचारधारा की लड़ाई

  1. कांग्रेस विधायकों ने सावरकर के खिलाफ की नारेबाजी

    मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि इतिहास में पर्याप्त सबूत हैं कि गांधी की हत्या की साजिश सावरकर रच रहे थे। गोडसे को मानव बम की तरह एक विचारधारा के द्वारा तैयार किया गया। उन्होंने कहा कि द्विराष्ट्र का सिद्धांत सावरकर की ही देन है। आज विचारधारा की लड़ाई है। मौजूदा राष्ट्रवाद नही चलेगा। हमे गांधी के राष्ट्रवाद पर चलना है, मौजूदा राष्ट्रवाद के खिलाफ लड़ाई लड़नी है। सीएम बघेल के इस बयान के बाद सदन में जोरदार हंगामा शुरू हो गया और भाजपा ने गलत बयानी का आरोप लगाते हुए वॉकआउट कर लिया। 

     

  2. कांग्रेस विधायक अमितेश शुक्ला ने भी किया वॉकआउट

     

    इससे पहले विधानसभा में अजीब स्थिति बन गई। कांग्रेस विधायक अमितेष शुक्ला ने गांधी पर बोलने नहीं देने के कारण सदन से वॉकआउट कर दिया। विधायक अमितेष शुक्ला ने कहा कि मेरे परिवार ने स्वतंत्रता आंदोलन में हिस्सा लिया था। हमने गांधी को बचपन से देखा है। मुझे दुख हुआ कि सदन में जब उन पर चर्चा की जा रही है तो मुझे बोलने का अवसर नहीं दिया गया। ये मेरे लिए अफसोस का विषय है। मैं पार्टी फोरम में इस बात को रखूंगा। इस पर भाजपा विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि चर्चा के दौरान सदस्य का इस तरह से सदन छोड़ना ठीक नहीं है। 

     

  3.  

    भाजपा विधायक अजय चंद्राकर ने कहा कि इस सदन में कई बार ऐसा हुआ है कि बोलने वाली सूची में नाम नहीं होने बावजूद आसंदी अपने विवेक पर बोलने की अनुमति देते हैं। इस पर विधानसभा अध्यक्ष चरणदास महंत ने कहा कि उनका नाम सूची में पहले से ही नहीं है। संसदीय कार्यमंत्री उनसे बात कर लेंगे। इससे पहले भी कांग्रेस विधायक अमितेष शुक्ला अपना विरोध जता चुके हैं। वे विशेष सत्र के पहले दिन बुधवार को भी ड्रेस कोड में विधानसभा नहीं पहुुंचे थे। इस संबंध में जब उनसे पूछा गया तो उन्होंने स्पष्ट जवाब नहीं दिया। सदस्यों के लिए ड्रेस कोड कोसा का कुर्ता और जैकेट था। 

Comments 0

Comment Now


Videos Gallery

Poll of the day

जातीय आरक्षण को समाप्त करके केवल 'असमर्थता' को आरक्षण का आधार बनाना चाहिए ?

83 %
14 %
3 %

Photo Gallery