भोपाल (अनिल गुप्ता). राज्य में प्रस्तावित डिफेंस प्रोजेक्ट से हाथ खींच चुके उद्याेगपति अनिल अंबानी ने मप्र सरकार से करीब 340 करोड़ रु. की देनदारी में राहत मांगी है। यह पैसा सासन पाॅवर लिमिटेड से जुड़े कोल माइंस की रायल्टी के साथ पानी और बिजली के शुल्क पर लगे ब्याज का है। रिलायंस के सासन पाॅवर लिमिटेड के डायरेक्टर श्रीकांत कुलकर्णी ने पिछले सप्ताह ही राज्य सरकार को आवेदन देकर यह राहत मांगी है।
बताया जा रहा है कि जल्द ही निवेश संवर्धन की कैबिनेट सब कमेटी में यह मसला रखा जा सकता है। मंत्रालय के उच्च पदस्थ सूत्रों का कहना है कि अंबानी समूह ने तय अनुबंध के आधार पर 55 माह से इलेक्ट्रिसिटी ड्यूटी, फॉरेस्ट ट्रांजिट फीस और पानी के शुल्क के साथ जिले के खनिज निधि का पैसा नहीं दिया। यही हाल सासन पाॅवर लिमिटेड से जुड़े कोल लिंकेज मुहेर और अमलोरी खदान की रायल्टी का भी है।
अप्रैल 2019 से लेकर अगस्त तक की करीब 150 करोड़ रुपए की राॅयल्टी अंबानी समूह ने नहीं दी। बताया जा रहा है कि इसे लेकर 4 अप्रैल, फिर 25 जुलाई और अब 16 सितंबर को नोटिस भी सासन पाॅवर लिमिटेड को जारी किया जा चुका है।
सूत्रों का कहना है कि अंबानी समूह की ओर से तर्क रखा गया है कि सासन पाॅवर लिमिटेड मप्र को सस्ती बिजली दे रही है। निरंतर पूरे प्लांट चालू हैं। इससे राज्य सरकार को ही 300 से 400 करोड़ रुपए का फायदा हो रहा है। इसलिए ब्याज में छूट के साथ कोयले की रायल्टी भरने के लिए करीब तीन साल तक की मोहलत दी जाए। तीन साल बाद इसे दे दिया जाएगा। अब राज्य सरकार को अंबानी के आवेदन पर निर्णय करना है। बताया जा रहा है कि अंबानी समूह और राज्य सरकार के बीच एक दौर की बातचीत हो चुकी है।
कोल की रायल्टी देने में तीन साल की छूट मांगी
सासन पाॅवर लिमिटेड से जुड़ी दो कोयला खदानों की रायल्टी अप्रैल 2019 से नहीं दी गई। अगस्त 2019 तक रायल्टी का बकाया 150 करोड़ 57 लाख रुपए है। इसकी वसूली के लिए खनिज विभाग की ओर से नोटिस दिए गए। जिसके बाद अब अंबानी समूह ने भरोसा दिलाया कि यह पैसा तीन साल बाद दे दिया जाएगा। खनिज विभाग की ओर से समूह को खदान बंद करने का नोटिस जारी हुआ है।
किसका-कितना ब्याज, जिसमें अंबानी ने छूट मांगी
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