नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट के जज रविंद्र भट्ट ने गुरुवार को भीमा-कोरेगांव मामले की सुनवाई से खुद को अलग कर लिया। सामाजिक कार्यकर्ता गौतम नवलखा ने भीमा-कोरेगांव हिंसा मामले में अपने खिलाफ दर्ज एफआईआर रद्द करने की याचिका दाखिल की है। इस मामले पर 4 अक्टूबर को सुनवाई होगी।
इस हफ्ते की शुरुआत में चीफ जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस एनवी रमना, जस्टिस आर सुभाष रेड्डी और जस्टिस बीआर गवई की बेंच ने भी भीमा-कोरेगांव मामले की सुनवाई से खुद को अलग कर लिया था। गुरुवार को यह मामला जस्टिस अरुण मिश्रा, जस्टिस विनीत सरन और जस्टिस रविंद्र भट्ट की बेंच के पास आया था।
गिरफ्तारी पर रोक 4 अक्टूबर को खत्म होगी
नवलखा की ओर से पेश वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी और नित्या रामकृष्ण ने अदालत को बताया कि बॉम्बे हाईकोर्ट द्वारा उनके मुवक्किल को दी गई गिरफ्तारी पर लगी रोक 4 अक्टूबर को खत्म हो रही है। नवलखा पर गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) और भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) के विभिन्न धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। उस पर प्रतिबंधित नक्सल समूहों से संबंध रखने का आरोप है।
ऑर्डर देने से पहले हमारा पक्ष सुना जाए: महाराष्ट्र सरकार
चीफ जस्टिस का कहना था कि इस मामले को उस बेंच को भेजा जाए, जिसमें मैं पार्टी न रहूं। इसके बाद यह मामला जस्टिस एसए बोबडे और जस्टिस एस अब्दुल नजीर की बेंच को भेजा गया। महाराष्ट्र सरकार ने इस मामले में याचिका दायर कर कहा था कि कोई भी ऑर्डर देने से पहले हमारा पक्ष भी सुना जाए।
बॉम्बे हाईकोर्ट ने कहा था- मामले की पूरी जांच की जरूरत
13 सितंबर को बॉम्बे हाईकोर्ट ने 2017 में हुए भीमा-कोरेगांव हिंसा मामले में नवलखा की एफआईआर रद्द करने की अपील खारिज कर दी थी। कोर्ट ने कहा था कि प्रथम दृष्ट्या इस मामले में वास्तविकता दिखाई देती है। हाईकोर्ट ने कहा था कि इस मामले की गंभीरता को समझते हुए हमें ऐसा लगता है कि इसमें गहनता से और पूरी जांच की जरूरत है।
दिसंबर 2017 में हुई थी भीमा-कोरेगांव में हिंसा
नवलखा के खिलाफ पुणे पुलिस ने जनवरी 2018 में एफआईआर दर्ज की थी। नवलखा पर माओवादियों से संपर्क होने का भी आरोप लगा था। एफआईआर के मुताबिक, नवलखा और अन्य आरोपी सरकार उलटने के लिए काम कर रहे थे। 31 दिसंबर 2017 को भीमा-कोरेगांव में एल्गर परिषद आयोजित की गई थी। इसके अगले ही दिन हिंसा शुरू हो गई थी। 1 जनवरी को भीमा-कोरेगांव में दो गुटों के बीच दंगे हुए थे। जिसमें एक युवक को अपनी जान गंवानी पड़ी। इसमें आगजनी, पथराव जैसी घटनाओं को अंजाम दिया गया था।
Comment Now