भोपाल. वे लोग महान हैं जिन्होंने इस धरती पर महात्मा गांधी को देखा और सुना। गांधी जैसा व्यक्तित्व सदियों में जन्म लेता है। महान वैज्ञानिक अल्बर्ट आइंस्टीन ने सच ही कहा था कि आने वाली पीढ़ियां शायद ही यह विश्वास करें कि इस धरती पर गांधीजी जैसा हाड़-मास का पुतला कभी चलता था। पूरी दुनिया यह जानकर आश्चर्यचकित थी कि सत्य और अहिंसा के दो दिव्य अस्त्रों के साथ भारत ने अपने नागरिक अधिकारों की लड़ाई कैसे लड़ी और जीती।
पहले दक्षिण अफ्रीका में सत्याग्रह और फिर स्वतंत्रता संग्राम का नेतृत्व करते हुए महात्मा गांधी विश्व के शीर्ष नेताओं की श्रेणी में गिने जाने लगे थे, इसलिए स्वाभाविक रूप से महात्मा की 150वीं जयंती का वैश्विक महत्व है। आज हमें महात्मा गांधी को याद करने और उनके दर्शन को समझने की सबसे ज्यादा जरूरत।
वह इसलिए कि भारत सहित विश्व के कई देशों की धार्मिक, राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक स्थितियों में जो तनाव चल रहा है, उसका समाधान गांधी दर्शन में है। उनका जीवन शिक्षा देता है कि अच्छे विचारों को अपना लो, बुरे विचार अपने आप दूर हो जाएंगे। गांधी दर्शन की पाठशाला अब विवि का रूप ले चुकी है और सबके लिए हमेशा खुली है। यहां सभी धर्मों, जाति और विचारधाराओं के लोग शिक्षा लेने आ सकते हैं। (मुख्यमंत्री का ब्लॉग)
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