Wednesday, 11th June 2025

जल कर्फ्यू / पटना में 6वें दिन भी 6 लाख लोग पानी में कैद, खाने-पीने के लिए तरसे; राज्य में 42 की मौत

Wed, Oct 2, 2019 5:42 PM

 

  • पटना के राजेंद्रनगर समेत छह इलाकों में हालात सबसे बदतर, मंगलवार देर रात तक यहां 4 से 6 फीट पानी भरा
  • एनडीआरएफ की नाव देखकर लोग चिल्लाते देखे जा सकते हैं, लेकिन सभी को राहत नहीं पहुंच रही
  • बिहार के 14 जिलों में एनडीआरएफ की 19 टीमें  तैनात, 4000 से ज्यादा लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया

 

पटना (बिहार). पटना में बुधवार को भी जल कर्फ्यू जैसे हालात हैं। छह दिनों (शुक्रवार शाम) से राजेंद्रनगर, कंकड़बाग, बहादुरपुर, एसकेपुरी, राजीवनगर, पाटलिपुत्र और रामकृष्णा नगर की 6 लाख से ज्यादा आबादी घरों में कैद है। राजेंद्रनगर में न बिजली है, न पानी। खाने का सामान खत्म हो रहा है। पानी नहीं रहने से किचन भी बंद हो गया है। बच्चों को दूध तक नहीं मिल रहा। लोग भेजे गए सत्तू, चूड़ा, बिस्किट, मैगी और पानी की बोतल पर किसी तरह जिंदगी गुजारने को मजबूर हैं। इन इलाकों में अभी भी 4 से 6 फीट तक पानी भरा है। पानी की निकासी की उचित व्यवस्था नहीं होने से मुश्किल हो रही है।

जिन लोगों का जिला प्रशासन और एनडीआरएफ की टीम तक संपर्क हो पा रहा है, सिर्फ उन्हीं को रेस्क्यू कर निकाला जा रहा है। एनडीआरएफ की नाव देखकर लोग मदद के लिए चिल्लाते देखे जा सकते हैं। पानी की सबसे ज्यादा किल्लत है। एयर ड्रॉपिंग से सभी घरों तक सामान नहीं पहुंच पा रहा है, जिससे लोगों में नाराजगी रही। प्रशासन ने अगले आदेश तक सभी स्कूल-कॉलेज बंद रहने के निर्देश दिए हैं। 

इलाका जल जमाव (स्थिति बुधवार सुबह 9 बजे तक की‌‌)  
राजेंद्र नगर 4 से 6 फीट
रामकृष्णनगर 4 से 5 फीट
पाटलीपुत्र कॉलनी 3 से 4 फीट
एसकेपुरी 3 से 4 फीट
राजीव नगर, सेतू नगर, सीपारा से लेकर पहाड़ी तक 2से 3 फीट

  
 

राज्य में 42 लोगों की मौत 

बिहार में पिछले एक हफ्ते में बारिश से जुड़ी घटनाओं में मरने वालों की तादाद बढ़कर 42 हो गई है। राज्य के 14 जिलों में एनडीआरएफ की 19 टीमें  तैनात की गई हैं। करीब 4000 से ज्यादा लोगों को सुरक्षित स्थानों पर निकाला गया है। इनमें महिलाएं और बच्चों की संख्या ज्यादा है। पटना में शनिवार से रविवार तक पांच लोगों की जान गई। 

पटना के रामकृष्णानगर के 10 किमी इलाके में लोग घरों में कैद

  • पटना के रामकृष्णानगर के 10 किलोमीटर क्षेत्र में अब भी दो से छह फीट तक पानी है। दो दर्जन कॉलोनियों में लगभग डेढ़ लाख लोग पानी में फंसे हैं। न तो सरकार और न ही किसी संगठन की ओर से राहत सामग्री बांटी जा रही है।रामकृष्णानगर, शेखपुर, पिपरा आदि इलाकों के लोग तो बरसात का पानी उबाल कर पीने को मजबूर हैं। बिजली पिछले पांच दिन से नहीं है।
  • कंकड़बाग के लोगों को बुधवार से राहत मिल सकती है। तकनीकी खराबी के कारण बंद जोगीपुर संप हाउस मंगलवार की देर शाम चालू कर दिया गया। नगर विकास विभाग के विशेष अधिकारी अमिताभ ने बताया कि अब कंकड़बाग का पानी निकलना शुरू होगा। ऐसी स्थिति में बहाव तेज होगा तो बुधवार को कंकड़बाग के लोगों को राहत मिल सकती है।
  • राजेंद्रनगर रोड नंबर 12 स्थित हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ. एनके वैद्य के नर्सिंग होम में फंसे मरीजों को मंगलवार को निकाला गया। एसडीआरएफ की टीम दिखते ही लोगों ने आवाज लगाई। इसके बाद पहुंची टीम की मदद से मरीजों और उनके परिजनों को शिफ्ट किया गया। डॉ. वैद्य के क्लिनिक और नर्सिंग होम के साथ ही उनका आवास है। वे अब भी अपने परिवार के साथ वहीं हैं।
  • पीएमसीएच के न्यूरो सर्जरी विभाग के हेड और एकेयू के वाइस चांसलर डॉ. एके अग्रवाल भी शुक्रवार से घर में बंद पड़े हुए हैं। उनके साथ 13 लोग थे। घर का खाना और पानी खत्म हो गया था। मेडिकल छात्रों ने मदद की। डॉ. अग्रवाल राजेंद्रनगर के आरके एवेन्यू में 1972 से रह रहे हैं। उनका कहना है कि ऐसी भयावह स्थिति कभी नहीं देखी। पहले तो बाहर से भोजन और पानी किसी तरह से मंगा रहा था। बिजली नहीं होने से टेलीफोन से संपर्क भी खत्म हो गया था।

गंगा-पुनपुन फिर चढ़ी, शहर में खतरा बढ़ा 
पुनपुन नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। पटना में यह खतरे के निशान से 2.67 सेमी ऊपर है। 12 घंटे में 8 सेमी वृद्धि की आशंका है। हालांकि, सोन के जलस्तर में कमी की संभावना है। उधर, गंगा नदी का जलस्तर पटना से फरक्का तक बढ़ रहा है। दीघा में खतरे के निशान से 45 और गांधीघाट पर 106 सेमी ऊपर थी। इससे हालात सुधरने में वक्त लगेगा।

 
60 रुपए लीटर दूध और 40 रुपए किलो बिक रहा आलू
जलजमाव के बीच फंसे लोगों के लिए जरूरत का सामान भी खरीदना अब आफत बन गया है। शहर के रामकृष्णानगर, सैदानीचक, राजेंद्रनगर, शेखपुरा इलाकों में 40 रुपए लीटर मिलने वाला दूध 60 से 100 रुपए और एक किलो आलू 60 रुपए तक मिल रह है। केला 100 रुपए दर्जन बिक रहा है। सबसे अधिक परेशानी आटा और नमक की है। नमक की भी ब्लैक मार्केटिंग की जा रही है। पानी में फंसे लोग 10 रुपए पैक मिलने वाला नमक 20 रुपए में खरीद रहे हैं।

नीतीश का सवाल- मुंबई डूब रहा था तब सवाल पूछने वाले कहां थे
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंगलवार को शहर के कई इलाकों का दौरा किया। उन्होंने कहा कि राहत पहुंचाने का काम किया जा रहा है। इस बार जिस दिन से बारिश आई है, उसी दिन से हम लोगों ने सबको अलर्ट किया है। यह सब प्रकृति के कारण हुआ है। जलजमाव पर सवाल करने वालों से हम पूछना चाहते हैं कि मुंबई में पानी आया तो उसके बारे में क्या विचार है? हम पूछ रहे हैं कि देश के कितने हिस्सों में पानी आया? सिर्फ पटना के कुछ मुहल्लों में पानी आया, क्या वहीं है समस्या?

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