Wednesday, 11th June 2025

एस-400 / भारत मिसाइल सिस्टम खरीदने के फैसले पर कायम, उम्मीद है अमेरिका हमारी जरूरत समझेगा: जयशंकर

Wed, Oct 2, 2019 5:35 PM

 

  • भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने दो दिन में दो बार रूस से एस-400 मिसाइल सिस्टम खरीदने की बात कही 
  • जयशंकर ने सोमवार को कहा था- हम नहीं चाहते कि कोई देश हमें बताए कि रूस से क्या खरीदना है और क्या नहीं
  • जयशंकर यह भी बोले- कश्मीर में विकास को लेकर पाकिस्तान को खतरा, क्योंकि उसकी 70 सालों की योजनाएं ध्वस्त हो जाएंगी

 

वॉशिंगटन. भारत के रक्षा मंत्री एस जयशंकर ने मंगलवार को कहा कि हम (भारत) रूस से एस-400 मिसाइल सिस्टम खरीदेंगे। इसको लेकर भारत सरकार ने पक्का फैसला कर लिया है। उम्मीद है कि अमेरिका हमारी जरूरत समझेगा। हमने इस संबंध में अमेरिका से भी बात कर ली है। सोमवार को अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो के साथ बैठक के बाद जयशंकर ने कहा था कि भारत रूस से एस-400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम खरीदने के लिए स्वतंत्र है। किसी भी देश को इसमें हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए। हम नहीं चाहते कि कोई देश हमें बताए कि रूस से क्या खरीदना है और क्या नहीं। 

जयशंकर अपने 3 दिन के एजेंडे को लेकर वॉशिंगटन में हैं। मंगलवार को वे अमेरिकी थिंक टैंक सेंटर फॉर स्ट्रैटजिक एंड इंटरनेशनल स्टडीज के साथ चर्चा में शामिल हुए। यहां विदेश मंत्री से पूछा गया कि क्या भारत मिसाइल सिस्टम डील पर अमेरिकी प्रतिबंधों को स्वीकार करने के लिए तैयार हैं? इस पर जयशंकर ने कहा, ‘‘भारत ने एस-400 मिसाइल खरीदने की डील की है। इस बारे में हमने अमेरिकी सरकार से चर्चा भी कर ली है।’’

‘मुझे अपनी बात पर भरोसा’
जयशंकर ने कहा, ‘‘मैं अपनी धारणा को लेकर पूरी तरह आश्वस्त हूं। मुझे उम्मीद है कि लोग (खासकर अमेरिका) इस बात को समझेंगे कि भारत के लिए क्या जरूरी है।’’ अमेरिका काट्सा (काउंटरिंग अमेरिकाज एडवर्सरीज थ्रू सेंक्शंस एक्ट) कानून के तहत रूस से हथियार खरीदने वाले देशों पर प्रतिबंध लगा सकता है। इस लिहाज से भारत भी रूस से हथियार खरीदने के लिए प्रतिबंधों के दायरे में आ सकता है। हाल ही में अमेरिका ने तुर्की पर एस-400 सिस्टम खरीदने के लिए प्रतिबंध लगा दिए थे। साथ ही उसके साथ एफ-35 फाइटर जेट की डील रद्द कर दी थी।

पिछले साल अक्टूबर में नई दिल्ली में 19वीं भारत-रूस सालाना द्विपक्षीय बैठक हुई थी। इसमें भारत और रूस के बीच एस-400 मिसाइल सिस्टम को लेकर 5.43 बिलियन डॉलर (करीब 38 हजार करोड़ रुपए) का समझौता हुआ था। 

‘कश्मीर के विकास हुआ तो पाक की योजनाएं खत्म हो जाएंगी’
सेंटर फॉर स्ट्रैटजिक एंड इंटरनेशनल स्टडीज के साथ बातचीत में जयशंकर ने यह भी कहा कि हमारी सरकार जम्मू-कश्मीर में विकास को लेकर प्रतिबद्ध है। इससे पाकिस्तान खतरा महसूस करता है, क्योंकि इससे उसकी कश्मीर को लेकर 70 साल से चली आ रही योजनाओं पर पानी फिर जाएगा। कश्मीर में स्थिति नियंत्रण में है। इसी तरह के हालात पहले भारत के पूर्वोत्तर इलाके में भी थे। अब आप देख सकते हैं कि पूर्वोतर में शांति है। 

‘व्यापार की दिक्कतें दूर कर लेंगे’
एक अन्य अमेरिकी थिंक टैंक अटलांटिक काउंसिल की बैठक में जयशंकर ने कहा कि मोदी सरकार के लिए विदेश नीति और उसकी प्राथमिकताएं तय हैं। इसी के आधार पर न्यू इंडिया का निर्माण होगा। बीते वर्षों में हमने (भारत-अमेरिका) ने कई मुश्किल मुद्दों को हल किया है। मुझे भरोसा है कि जल्द ही व्यापार के क्षेत्र में आने वाली बाधाओं को भी दूर कर लिया जाएगा। 

मिसाइल शील्ड बनाएगा एस-400 डिफेंस सिस्टम
एस-400 मिसाइल सिस्टम, एस-300 का अपडेटेड वर्जन है। यह 400 किलोमीटर के दायरे में आने वाली मिसाइलों और पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमानों को भी खत्म कर देगा। एस-400 डिफेंस सिस्टम एक तरह से मिसाइल शील्ड का काम करेगा, जो पाकिस्तान और चीन की एटमी क्षमता वाली बैलिस्टिक मिसाइलों से भारत को सुरक्षा देगा। यह सिस्टम एक बार में 72 मिसाइल दाग सकता है। यह सिस्टम अमेरिका के सबसे एडवांस्ड फाइटर जेट एफ-35 को भी गिरा सकता है। वहीं, 36 परमाणु क्षमता वाली मिसाइलों को एकसाथ नष्ट कर सकता है। चीन के बाद इस डिफेंस सिस्टम को खरीदने वाला भारत दूसरा देश है।

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