बिलासपुर. छत्तीसगढ़ में सूदखोरों का जाल फैला हुआ है। इसके चंगुल में फंसकर लोग आत्महत्या करने तक के लिए मजबूर हो रहे हैं। अब सकरी क्षेत्र में एक युवक ने सूदखाेरों से परेशान होकर पेड़ से फंदा लगाकर अपनी जान दे दी। बीमार पत्नी का इलाज कराते युवक कर्ज में डूब गया था। इसके बाद भी उसके वह ठीक नहीं हो रही थी। सूदखोर युवक को लगातार परेशान कर रहे थे। फिलहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है।
ग्राम चोरभठ्ठीखुर्द निवासी अश्वनी श्रीवास (34) पिता की पत्नी का एक पैर खराब है। कुछ दिन पहले करंट से उसका एक हाथ भी बुरी तरह से झुलस गया था। अश्वनी उसका इलाज करा रहा था। इसके बाद भी उसकी सेहत में कोई सुधार नहीं हुआ। उसने इलाज के लिए कुछ लोगों से सूद में पैसा लिया था। अश्वनी अपने छोटे भाई के साथ मिलकर सेलून चलाता था। उसके पास सूदखोरों को देने के लिए पैसे नहीं थे। अश्वनी जब भी घर आता था सूदखोर आ धमकते थे। उसके दुकान में चले जाते थे। इससे वह परेशान रहने लगा था। चार दिनों से वह काम पर नहीं जा रहा था।
अश्वनी रोज सुबह उठकर दौड़ने जाता था। सोमवार की तड़के 4.30 बजे उठा। मां से गुटखा मांगा पर नहीं हाेने के कारण उसने मना कर दिया। इसके बाद वह चला गया। चोरभट्ठी खुर्द व खजुरी नवागांव के बीच शीशल फार्म में जाकर उसने फांसी लगा ली। सुबह 7.30 बजे दाैड़ लगाने वाले दूसरे युवकाें की नजर पड़ी ताे उन्हाेंने अश्वनी के परिजनाें काे दी ताे वे माैकेे पर पहुंचे। उन्हाेंने पुलिस काे सूचना दी। पुलिस ने शव काे पेड़ से नीचे उतरवाकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा। पुलिस ने अश्वनी के घरवालाें से पूछताछ की ताे उन्हाेंने ही खुदकुशी के कारण बताए।
सूदखोर शहर में ही नहीं है बल्कि गांवों में भी है। लोगों की मजबूरी का फायदा उठाकर पहले उन्हें जाल में फांसा जाता है, फिर उनसे सालों मनमाफिक वसूली करते हैं। सूदखोर गांव में 10-20 फीसदी मासिक ब्याज पर रकम देते हैं फिर मूलधन सहित वसूली करते हैं। समय पर पैसा नहीं मिलने पर मारपीट भी करते हैं। ऐसे लोगों की पुलिस से मिलीभगत होती है। सूदखोरों से परेशान 7 लोग सालभर में खुदकुशी कर चुके हैं पर अभी तक दोषियों के खिलाफ किसी तरह की कार्रवाई नहीं हुई है।
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