इंदौर. हनीट्रैप मामले में मंगलवार को कोर्ट ने पांचाें महिला आरोपियों को जेल भेज दिया। रिमांड खत्म होने के बाद पुलिस ने मेडिकल के बाद आरोपियों को कोर्ट में पेश किया, जहां से सभी को 14 अक्टूबर तक जेल भेज दिया गया। कोर्ट में एक आरोपी के वकील ने एसआईटी पर टॉर्चर का आरोप लगाया।
सुबह एमवाय अस्पताल में मेडिकल के बाद पुलिस सभी को न्यायधीश मनीष भट्ट की कोर्ट में पेश किया। जहां से कोर्ट ने सभी को जेल भेजने के आदेश देते हुए अगली सुनवाई के लिए 14 अक्टूबर की तारीख दी। इसके पहले पुलिस ने आरोपी श्वेता पति विजय, श्वेता पति स्वप्निल तथा बरखा सोनी को सोमवार को भोपाल कोर्ट में पेश किया था, जहां से उन्हें एक दिन की 'ट्रांजिट रिमांड' पर भेज दिया गया था, जिसके बाद पुलिस ने सभी को मंगलवार को 11 बजे जिला कोर्ट में पेश किया।
महिला आरोपी वकील के बताया कि उन्हें मेरी मुवक्किल ने व्यक्तिगत तौर पर बताया कि पुलिस उनसे झूठी बातें लिखवाना चाहती थी, ऐसा करने से मना करने पर उसके साथ मारपीट की गई। उसे मेंटल ट्रामा भी दिया गया। हमने न्यायालय में इस पक्ष को रखते हुए विरोध किया और हाथ में लगी चोट भी कोर्ट को दिखाई। इस पर न्यायालय ने तत्काल मेडिकल की बात कही। गुर्जर ने कहा कि पुलिस के पास कोई सबूत नहीं है, यह उनके लिए गले की हड्डी हो गई है। पुलिस की ओर से कोई पक्ष नहीं रखा गया, उन्होंने सीधे-सीधे न्यायिक अभिरक्षा की मांग की गई।
आरती का खुलासा, हरभजन को ब्लैकमेल करने में श्वेता विजय थी मास्टरमाइंड
नगर निगम के इंजीनियर हरभजन सिंह को ब्लैकमेल करने में पर्दे के पीछे मास्टरमाइंड श्वेता विजय जैन है। उसी ने आरती दयाल को हरभजन से मिलवाया। पूछताछ में आरती ने कबूला कि उसे श्वेता ही कमांड कर रही थी। जब आरती ने ब्लैकमेलिंग के लिए 3 करोड़ मांगे तो हरभजन ने राशि ज्यादा होने की बात कही। इस पर आरती ने एक फोन लगाया और राशि 2 करोड़ कर दी। वह फोन श्वेता को ही लगाया गया था। एसएसपी रुचिवर्धन मिश्र के अनुसार सभी से अलग-अलग पूछताछ में श्वेता के मास्टमाइंड होने का खुलासा हुआ। श्वेता का मानना था कि उसके भाई की हरभजन ने कई ठेकों में मदद की है, इसलिए वह सीधे ब्लैकमेल नहीं कर सकती।
आरती ने ठेके की मांग की, लेकिन हरभजन ने ध्यान नहीं दिया
आरती ने कबूल किया कि श्वेता ने इस काम के लिए मेरी मुलाकाल हरभजन से करवाई। आरती ने ठेके की मांग की, लेकिन हरभजन ने ध्यान नहीं दिया। 30 से ज्यादा बार मुलाकात के बाद भी हरभजन ने आरती की मदद नहीं की तो श्वेता ने प्लान बनाया कि उसे अब छात्रा के मार्फत ब्लैकमेल करवाया जाए। उसकी एक-दो वीडियो बनाई जाए। इसके बाद ही इंदौर की दो होटलों में हरभजन के वीडियो बनाए गए। आखिर में 3 करोड़ रुपए की ब्लैकमेलिंग की मांग की। यह बात भी श्वेता को पता था, लेकिन छात्रा को नहीं पता था कि कितने रुपए मांगे जा रहे हैं। ब्लैकमेलिंग की डिमांड आने के बाद हरभजन आरती से मिलने अामेर होटल पहुंचा। कहा कि ये ज्यादा रुपए हैं। फिर आरती ने श्वेता को फोन लगाया। श्वेता ने कहा कि एक करोड़ कम कर दो। इंजीनियर समझ नहीं पाया कि आरती ने किसको फोन किया है। इसलिए उसने रिपोर्ट लिखवाने के दौरान भी श्वेता का नाम दर्ज नहीं करवाया था।
सभी आरोपियों से 2 दिन सुबह 5 बजे तक गोपनीय स्थान पर हुई पूछताछ
हनी ट्रैप गैंग का रिमांड मिलने के बाद एसआईटी और इंदौर पुलिस की टीम ने दो दिन तक गोपनीय स्थान पर सुबह 5 बजे तक पूछताछ की है। आरोपियों से वन-टू-वन और ग्रुप में पूछताछ की गई। पता चला है कि सभी ने अपने जुर्म कबूल लिए हैं और उन्होंने बताया कि वे कैसे ब्लैकमेल करती थीं। टेंडर कैसे लेती थीं इसके भी सबूत मिले हैं। पुलिस ने आरोपियों की निशानदेही पर कुछ गैजेट्स व इलेक्ट्रॉनिक उपकरण भी जब्त किए हैं। शंका है उन्होंने वीडियो अपने-अपने मोबाइल के अलावा पैन ड्राइव, लैपटॉप और गूगल ड्राइव में सेव कर दिए हैं। उनके ई-मेल भी खंगाले जा रहे हैं। अफसरों ने बताया कि आरोपियों ने राजगढ़ की छात्रा को गुमराह करने के लिए फ्लाइट में भी घुमाया था। उनका मानना था कि छात्रा गरीब घर से है और उसे आलीशान जिंदगी से रूबरू कराया जाए तो वह उनके इशारों पर ही काम करती रहेगी।
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