Friday, 18th July 2025

जशपुरनगर / बारिश में तीन दिन पहले बह गया पुल, शिक्षकों और ग्रामीणों ने 6 घंटे की मेहनत से नदी पर बनाया अस्थाई पुल

Mon, Sep 30, 2019 10:11 PM

 

  • स्कूल जाने वाले बच्चों और ग्रामीणों की समस्या को देखते हुए बगीचा की डोड़की नदी पर बनाया गया पुल
  • पुल बह जाने से 2000 से अधिक ग्रामीणों को जान जोखिम में डालकर पार करनी पड़ती थी उफनती नदी

 

जशपुरनगर. बगीचा के डोड़की नदी में पुल का निर्माण कार्य शुरू हो गया है। पुल निर्माण के साथ ही बारिश के दिनों में नदी को पार करने के लिए एक अस्थायी पुल का भी निर्माण कराया गया था। जो लगातार हो रही बारिश के कारण तीन दिन पहले बह गया। अस्थायी पुल के बहने के बाद लोगों को नदी पार करने में परेशानी हो रही थी। बच्चों और ग्रामीणों की परेशानी को देखते हुए रविवार को ग्रामीण और शिक्षकों ने श्रमदान कर 6 घंटे की अथक मेहनत कर अस्थायी पुल का निर्माण पूरा कर लिया।

पिछले साल स्थाई पुल बनाने का काम शुरू हुआ, लेकिन अब तक पूरा नहीं हो सका

  1.  

    इस पुल का निर्माण कार्य पूर्ण हो जाने से नगर पंचायत बगीचा के 4 वार्ड के 2 हजार से अधिक ग्रामीणों को उफनते हुए नदी को पार करने के जानलेवा खतरे से मुक्ति मिल गई है। नगर पंचायत बगीचा की जीवन रेखा कहलाने वाली डोड़की नदी यहां के चार बड़े मुहल्ले डुमरटोली, डाम्हाटोली, भट्टीकोना और रापटकोना से हो कर गुजरती है। पुल नही होने से यहां के निवासियों के लिए एक बडी समस्या बनी हुई है। ग्रामीणों की मांग को देखते हुए पिछले साल पुल का निर्माण शुरू करा दिया गया। 

     

  2.  

    पुल बनाने से पहने पहले ठेकेदार ने लोगों की समस्या को देखते हुए अस्थायी पुल का भी निर्माण कराया गया था। जो भारी बारिश में बह गया। पुल के बह जाने से डुमरटोली, डाम्हाटोली, भट्टीकोना और रापटकोना के दो हजार से अधिक ग्रामीणों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा था। इसके साथ ही इस क्षेत्र के स्कूली बच्चे भी स्कूल नहीं जा पा रहे थे। बच्चों और ग्रामीणों की समस्या को देखते हुए रविवार को शिक्षकों सहित वार्ड क्रमांक 3 और 4 के 50 से अधिक लोग पुल बनाने में जुट गए। 

     

  3.  

    इसके बाद ग्रामीणों ने करीब 6 घंटे की अथक मेहनत करते हुए डोड़की नदी में अस्थायी पुल का निर्माण पूरा कर लिया। ग्रामीणों ने रविवार की सुबह 6 बजे से पुल का निर्माण करने के लिए नदी में उतरे थे और दोपहर 1 बजे पुल का निर्माण कर लिया। ग्रामीणों के द्वारा बनाए गए अस्थायी पुल से अब दो पहिया वाहन भी आसानी से पार हो जा रहे हैं। अस्थायी पुल का निर्माण हो जाने से सबसे ज्यादा फायदा स्कूल जाने वाले बच्चों काे मिला है। अब वह आसानी से स्कूल जा सकेंगे। 

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