भोपाल . प्रदेश के पहले हाईटेक ओल्डएज होम के लिए सरकार ने लिंक रोड-3 पर पांच एकड़ जमीन आवंटित कर दी है। पहले इसे गांधी नगर में सेंट्रल जेल के पास पहाड़ आवंटित कर दिया गया था। लेकिन, यह जगह बुजुर्गों के लिए ठीक नहीं थी। सामाजिक न्याय विभाग की आपत्ति के बाद में लिंक रोड पर जमीन दी गई। नवंबर से काम शुरू होने की संभावना है। यहां 11 करोड़ की लागत से आवास बनेंगे। तीन सितारा सुविधाओं वाले इस होम में रहने के लिए बुजुर्गों को हर महीने तय राशि अदा करना होगी।
यहां 100 बुजुर्गों के रहने की व्यवस्था रहेगी। सामाजिक न्याय विभाग ऐसे बुजुर्गों के रहने के लिए ओल्ड एज होम बनाएगा जो एकाकी जीवन व्यतीत कर रहे हैं। उनकी देखरेख करने वाला कोई नहीं है या जिनके परिजन दूसरे शहर या देश में बसे हुए हैं। ये बुजुर्ग आर्थिक रूप से सक्षम होंेगे अौर यहां रहने के लिए भुगतान करेंगे। उनकी देखरेख आदि की सारी व्यवस्था ओल्ड एज हाेम में रहेगी।
इंडोर-आउटडोर गेम्स, मेडिटेशन हॉल समेत कई सुविधाएं होंगी : ओल्ड एज होम में बुजुर्गों के लिए इंडोर-अाउटडोर गेम, लायब्रेरी, मेडिटेशन हाल सहित अन्य प्रकार की सुविधाएं मुहैया करवाई जाएंगी। मेडिटेशन हॉल में सभी धर्म के बुजुर्ग प्रार्थना कर सकेंगे। लायब्रेरी में अखबार, पत्रिकाएं और अन्य किताबें उपलब्ध रहेंगी। यही नहीं, यहां 24 घंटे डॉक्टर की व्यवस्था भी रहेगी ताकि इमरजेंसी भी किसी प्रकार की दिक्कत न हो। 11 एकड़ में बनने वाले ओल्डएज होम में पार्क भी विकसित किया जाएगा ताकि सुबह-शाम वे यहां टहल सकें। कमरों भी एसी-नान एसी रहेंगे जिसे बुजुुर्ग अपनी सुविधा के मुताबिक ले सकेंगे।
कितना शुल्क होगा, अभी तय नहीं : सामाजिक न्याय विभाग के अधिकारियों ने बताया कि ओल्डएज होम में रहने के लिए कितना शुल्क देना होगा यह अब तक तय नहीं है। निर्माण के बाद शुल्क तय किया जाएगा। पूर्व में गांधी नगर में केंद्रीय जेल के पास जमीन दी गई थी। लेकिन पहाड़ होने की वजह से यह ओल्डएज होम के लिए उपर्युक्त नहीं थी। इसके बाद लिंक रोड नंबर तीन पर जमीन दी गई।
ओल्डएज होम के लिए प्रशासकीय स्वीकृति दे दी गई है। पहले जो जगह दी गई थी वह पहाड़ पर थी। अब लिंक रोड पर जमीन आवंटित की गई है। यहां पीएचई का कोई भवन है, जिसे खाली किया जाना है। नवंबर तक काम शुरू हो जाएगा। - अलका श्रीवास्तव, सचिव, सामाजिक न्याय विभाग
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