कंपाला. पाकिस्तान ने शनिवार को कॉमनवेल्थ देशों के संसदीय सम्मेलन में एक बार फिर कश्मीर मुद्दा उठाने की कोशिश की। हालांकि बैठक में मौजूद भारतीय डेलिगेशन ने उसे कड़ी फटकार लगा दी। युगांडा में हो रहे इस सम्मेलन में पाक ने कश्मीर में भारतीय जवानों की मौजूदगी पर सवाल उठाए। इस पर भारत ने कहा कि हमारे यहां लोग अब भी सैन्य शासन से परिचित नहीं हैं, लेकिन इस्लामाबाद के लिए यह परंपरा की तरह रहा है। वहां करीब 33 साल तक सैन्य शासन रहा।
लोकसभा सचिवालय की तरफ से जारी बयान के मुताबिक, भारतीय डेलिगेशन की तरफ से भाजपा सांसद रूपा गांगुली ने पाकिस्तान के झूठे आरोपों का कड़ा जवाब दिया। उन्होंने कहा कि पाक में सैन्य शासन हमेशा से प्रचलित रहा है। उनके साथ कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी और कांग्रेस से राज्यसभा सांसद एल हनुमनथैय्या भी पाक को जवाब देने में शामिल थे।
लोकसभा स्पीकर कर रहे डेलिगेशन का नेतृत्व
कॉमनवेल्थ पार्लियामेंट्री कॉन्फ्रेंस (सीपीसी) में सभी सदस्य देशों की संसद से जुड़े अधिकारी और चुने हुए प्रतिनिधि हिस्सा लेते हैं। भारत की तरफ से डेलिगेशन का नेतृत्व लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला कर रहे हैं। उनके अलावा भुवनेश्वर से सांसद अपराजिता सारंगी और लोकसभा की सचिव स्नेहलता श्रीवास्तव भी डेलिगेशन का हिस्सा हैं।
संयुक्त राष्ट्र महासभा के बाद इमरान को भी मिला था जवाब
इससे पहले शुक्रवार को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में भारत के खिलाफ भड़काऊ भाषण दिया था। इस पर यूएन में भारत की फर्स्ट सेक्रेटरी विदिशा मैत्रा ने कहा था कि जेंटलमैन गेम (क्रिकेट) खेलने वाले इमरान का भाषण दर्रा आदमखेल की बंदूकों जैसा असभ्य था। उन्होंने कहा था कि पाकिस्तान अकेला देश है, जहां अलकायदा और अन्य आतंकियों को पेंशन और पनाह मिलती है।
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