Monday, 28th July 2025

मप्र / सायबर सेल चीफ बोले -डीजीपी ने मेरी नहीं, पुलिस की छवि खराब की

Sun, Sep 29, 2019 1:44 AM

 

  • गाजियाबाद के फ्लैट को लेकर दो आईपीएस अफसर आमने-सामने
  • डीजीपी ने कहा-  नो कमेंट पर अखबारों में प्रकाशित जानकारी गलत नहीं है...
  • गुरुवार को... डीजीपी वीके सिंह ने फ्लैट के संबंध में जानकारी ली थी 
  • शुक्रवार को... डीजी पुरुषोत्तम शर्मा ने आईपीएस एसोशिएशन काे लिखा पत्र  

 

भोपाल . हनी ट्रैप मामले की जांच के बीच सायबर सेल के गाजियाबाद स्थित गेस्टहाउस (फ्लैट) को खाली कराने के मामले में पुलिस के आला अफसर आमने-सामने आ गए हैं। दो दिन पहले डीजीपी वीके सिंह ने गाजियाबाद में किराए पर लिए गए सायबर सेल के गेस्टहाउस को खाली करने के आदेश दिए थे। साथ ही इस संबंध में सायबर सेल के डीजी पुरुषोत्तम शर्मा से जानकारी ली। इसकी खबरें मीडिया में आने के अगले ही दिन पुरुषोत्तम शर्मा ने आईपीएस एसोसिएशन को पत्र लिख दिया और कहा - ‘इससे मेरी नहीं, बल्कि पूरे पुलिस महकमे की इमेज खराब हुई है। किसी का चरित्र हनन करना ठीक बात नहीं है।

इसकी भर्त्सना की जानी चाहिए। शर्मा ने बताया कि उन्होंने मुख्यमंत्री कमलनाथ को भी पूरा मामला बता दिया है। हालांकि डीजीपी वीके सिंह से जब भास्कर ने शर्मा के आरोपों पर सवाल किया तो उन्होंने कहा कि इस विषय पर वे कुछ भी नहीं कहना चाहते। लेकिन, सिंह यह जरूर बोले कि अखबारों में प्रकाशित हुई जानकारी गलत नहीं है।  

 पुरूषोत्तम शर्मा ने आईपीएस एसोसिएशन को भेजे ई-मेल में फ्लैट खाली करवाने और इस संबंध में बयान देने के लिए डीजीपी सिंह पर नाराजगी जाहिर की है। उन्होंने पत्र में लिखा कि मुझे इस बात की पीड़ा है कि हमारे संस्कार इस हद तक नीचे आ गए कि हम किसी का चरित्र हनन करने लगें। शर्मा ने अपने पत्र में इस बात पर भी रोष जताया कि डीजीपी का बयान न केवल मीडिया में आया, बल्कि पुलिस मुख्यालय और सायबर सेल के हर कमरे में बंटवाया गया। डीजीपी ने इसका खंडन तक नहीं किया। 

किसने क्या कहा- जांच के लिए दिल्ली जाने वाले हेड कांस्टेबल और कांस्टेबलों के ठहरने के लिए गेस्ट हाउस के तौर पर 10 दिन पहले ही यह फ्लैट किराए पर लिया गया था। इसकी जानकारी डीजीपी को भी दी गई थी। इसे हनी ट्रैप से जोड़ा जाना दुर्भाग्यपूर्ण है। मैंने आईपीएस एसोसिएशन को पत्र लिखकर कहा है कि ऐसे किसी का चरित्र हनन नहीं होना चाहिए। डीजीपी के इस कृत्य की भर्त्सना की जानी चाहिए। - पुरुषोत्तम शर्मा, स्पेशल डीजी, सायबर सेल 
 
इस विषय पर मैं कोई कमेंट नहीं करना चाहता। लेकिन यह जरूर है कि मीडिया में प्रकाशित हुई जानकारी गलत नहीं है। - वीके सिंह, डीजीपी
 
मेरे पास डीजी पुरुषोत्तम शर्मा का ऐसा कोई कोई पत्र नहीं पहुंचा है। जब मिलेगा, उसके बाद ही पता चलेगा कि क्या पत्र है। - विजय यादव, अध्यक्ष, आईपीएस एसोसिएशन, मप्र

डीजीपी से नाराज सरकार, बिना सूचना दिए अपने स्तर पर ही सौंप दी संजीव शमी को एसआईटी की कमान : हनी ट्रैप मामले में सरकार जांच को लेकर डीजीपी वीके सिंह की कार्यप्रणाली से नाराज है। इस मामले में एसआईटी के गठन की प्रकिया से सीएम संतुष्ट नहीं हैं। दरअसल, पहले आईजी सीआईडी डी. श्रीनिवास वर्मा को एसआईटी चीफ बनाया गया, लेकिन 24 घंटे के अंदर ही एटीएस एडीजी संजीव शमी को इसकी कमान सौंप दी। बताया जाता है कि इसकी सूचना तक सरकार को नहीं दी गई। बाद में डीजीपी ने तर्क दिया है कि पूर्व में भी एसआईटी का गठन इसी प्रक्रिया से किया गया है। बालाघाट समेत अन्य मामलों में एसआईटी का गठन डीजीपी ने अपने स्तर पर बिना सरकार की मंजूरी के किया है।

जबकि सरकार अपने स्तर पर विचार कर रही थी कि मामले की जांच किसी अन्य एजेंसी को सौंप दी जाए, लेकिन सवाल खड़े हुए कि इससे सरकार की छवि खराब होगी। मामले में पहले कमलनाथ ने गृह विभाग के प्रमुख सचिव एसएन मिश्रा से जांच के बारे में फीडबैक लिया तो उन्होंने स्पष्ट तौर पर कहा कि अभी तक उन्हें इस मामले में किसी ने कोई जानकारी नहीं दी है। बाद में मुख्यमंत्री ने शमी को तलब कर रिपोर्ट ली। सीएम की नाराजगी के बाद मामले में फिलहाल सभी अधिकारियों ने पूरी तरह चुप्पी साध रखी है। प्रमुख सचिव गृह एसएन मिश्रा का कहना है कि अभी इस मामले में कुछ भी कहना उचित नहीं है। जांच चल रही है। वहीं डीजीपी ने नो कमेंट्स कहकर बात करने से इनकार कर दिया है।

पहले इंदौर कोर्ट में पेशी, बाद में एमवाय में मेडिकल के बाद श्वेता विजय जैन ने लगाए आरोप 

इस मामले में कई बड़े-बड़े लाेग शामिल हैं, जाे हमें फंसा रहे : इंदाैर के एमवायएच में मेडिकल कराने के बाद जब श्वेता विजय जैन श्वेता स्वप्निल अाैर बरखा के साथ बाहर आई ताे उनसे मीडिया ने कई सवाल पूछ लिए। इस पर श्वेता विजय ने कहा कि हमें फंसाया जा रहा है। इस मामले में कई बड़े-बड़े लाेग शामिल हैं, जाे हमें फंसा रहे हैं। अाप लाेग हमारे इंसाफ के लिए कुछ करिए। फाेटाे खींचने से कुछ हाेगा

दोनों श्वेता और बरखा का 30 सितंबर और आरती-छात्रा का 1 अक्टूबर तक रिमांड : हनी ट्रैप गैंग की आरोपी आरती दयाल व छात्रा से पूछताछ के लिए पुलिस को 1 अक्टूबर और दोनों श्वेता जैन व बरखा सोनी का 30 सितंबर तक का रिमांड मिला है। शुक्रवार को पुलिस ने इंदौर कोर्ट में दलील दी कि इस केस में अब केंद्रीय विभागों के अफसरों के नाम सामने आए हैं। आशंका है कि उनके स्तर पर टेंडर किए गए। आरती और छात्रा से कुछ अहम तथ्य मिले हैं, इनका मिलान और पुष्टि करने के लिए और पूछताछ जरूरी है। पुलिस ने कहा कि आरती ने बीमारी का बहाना बनाकर पूछताछ में सहयोग नहीं किया। अब भी उससे कई बिंदुओं पर जानकारी लेना है, लिहाजा 2 अक्टूबर तक का रिमांड मिलना चाहिए।

नेता प्रतिपक्ष भार्गव ने कहा- पूरे मामले की सीबीआई जांच कराएं : भाजपा के वरिष्ठ विधायक व नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने हनी ट्रैप मामले की सीबीआई से जांच कराने की बात कही है। उन्होंने कहा कि राजस्थान, छत्तीसगढ़ से भी इसके तार जुड़े होने की खबरें हैं, एेसे में मप्र की एसआईटी काम नहीं कर पाएगी। इसीलिए इस मामले को सीबीआई को दे देना चाहिए।

मंत्री गोविंद सिंह बोले... कोई नेता हो या उनका चाचा, बख्शेंगे नहीं  : सामान्य प्रशासन मंत्री डाॅ. गोविंद सिंह ने हनी ट्रैप मामले में कहा है कि मैं कोई जादूगर नहीं हूं। कोई भी नेता हो या नेता का चाचा हो, किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा। चाहे वह किसी जाति धर्म या दल का हो। जनता की सेवा के लिए अधिकारियों को चुना गया है। इस तरह के काम करने पर नाम सार्वजनिक कर सबके सामने लाए जाएं, ताकि फिर कोई एेसा करने से पहले सोचे।

Comments 0

Comment Now


Videos Gallery

Poll of the day

जातीय आरक्षण को समाप्त करके केवल 'असमर्थता' को आरक्षण का आधार बनाना चाहिए ?

83 %
14 %
3 %

Photo Gallery