भोपाल. नगर निगम रीवा के आयुक्त सभाजीत यादव ने गुरुवार को भाजपा विधायक व पूर्व मंत्री राजेंद्र शुक्ला को करीब पांच करोड़ रुपए की वसूली का नोटिस थमाया है। 2013 में विधानसभा चुनाव के दौरान उनके एक आश्वासन के कारण हुई हानि के लिए नोटिस दिया गया है।
मामले में शुक्ला का कहना है कि मकान नियमों के तहत आवंटित किए गए। पिछले नौ महीने में निगम आयुक्त प्रधानमंत्री आवास योजना में एक भी मकान उपलब्ध नहीं करा पाए। मुझे जानकारी मिली है कि योजना के तहत कुछ लोगों से आवेदन लेकर आयुक्त ने खुद उसमें अंगूठे लगाए हैं।
नाेटिस के पीछे की दिलचस्प कहानी
नोटिस के अनुसार 2013 के चुनाव के दौरान शुक्ला ने रानी तालाब व चूना भट्टा के विस्थापितों को एकीकृत आवास एवं गंदी बस्ती विकास कार्यक्रम (आईएचएसडीपी) योजना के तहत रतहरा व रतहरी में मुफ्त आवास देने का आश्वासन दिया था।
उन्होंने एक लिखित पेंफलेट भी बंटवाया था। इस आश्वासन पर विस्थापित परिवार बिना मार्जिन मनी जमा किए मकानों में रहने लगे। ये अब भी यहीं काबिज हैं। उनका कहना है कि उन्हें निशुल्क आवास देने का आश्वासन दिया गया था, यदि कोई राशि जमा कराई जाना है तो उनसे ली जाए, जिन्होंने आश्वासन दिया था। आईएचएसडीपी में हितग्राहियों को मकान आवंटन के पूर्व 15000 रुपए मार्जिन मनी देना था और शेष राशि बैंक से ऋण उपलब्ध करा कर जमा होना थी।
नोटिस में कहा गया है कि आपके पेंफलेट वितरण और चर्चा से प्रभावित होकर ये लोग मकानों पर काबिज हो गए। हितग्राहियों और आपके बीच अलिखित अनुबंध के कारण रीवा नगर निगम को 4.94 करोड़ रुपए की आर्थिक हानि हुई है। इसमें 1.53 करोड़ रुपए का ब्याज भी शामिल है। इसके भुगतान के लिए उन्हें नोटिस जारी किया गया है। निगम आयुक्त यादव ने नगरीय विकास एवं आवास विभाग के प्रमुख सचिव संजय दुबे को भी पत्र लिखकर इसकी जानकारी दी।
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