न्यूयॉर्क. संयुक्त राष्ट्र महासभा सत्र के इतर गुरुवार को न्यूयॉर्क में दक्षिण एशियाई सहयोग संगठन (सार्क) देशों की बैठक हुई। इस दौरान पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी का हाईवोल्टेज ड्रामा देखने को मिला। उन्होंने बैठक में शामिल होने से इनकार कर दिया। भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर के भाषण के दौरान कुरैशी बैठक में नहीं गए। हालांकि, वे बाद में महज आधा घंटे के लिए बैठक में शामिल हुए। कुरैशी ने बाहर आकर बताया कि अगली सार्क समिट इस्लामाबाद में होगी।
पाकिस्तान के इस बर्ताव पर जयशंकर ने सार्क नेताओं के सामने कड़ी प्रतिक्रिया दी और अपना भाषण खत्म करने के बाद बैठक से निकल गए। उन्होंने करीब 45 मिनट तक सार्क देशों के प्रतिनिधियों के साथ चर्चा की। इसके बाद बैठक का आखिरी आधा घंटा बचा था, तब कुरैशी इसमें शामिल हुए। इसके बाद पाकिस्तान की सत्तारूढ़ पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) ने ट्वीट कर कुरैशी के सार्क देशों की बैठक में शामिल न होने की जानकारी दी।
जयशंकर ने ट्वीट कर पाक पर निशाना साधा
विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि यह सिर्फ छूटे हुए अवसरों की कहानी नहीं है, बल्कि जानबूझकर आने वाली बाधाओं की भी है। आतंकवाद उनके बीच है। हमारा मानना है कि आतंकवाद को खत्म करना क्षेत्र के अस्तित्व के लिए पहली शर्त है।
कुरैशी बोले- अगली सार्क समिट इस्लामाबाद में होगी
सार्क दक्षिण एशियाई देशों का संगठन है। भारत, पाकिस्तान, अफगानिस्तान, बांग्लादेश, भूटान, मालदीव, नेपाल और श्रीलंका इसके सदस्य हैं। कुरैशी ने एक सवाल पर कहा कि कश्मीर मुद्दे पर विरोध को लेकर वह भारत के विदेश मंत्री के साथ नहीं बैठना चाहते थे, इसलिए देरी से बैठक में शामिल हुए। बैठक खत्म होने के बाद उन्होंने बताया कि सार्क देशों के प्रतिनिधियों ने तय किया है कि अगली बैठक इस्लामाबाद होगी। इसके लिए तारीख और समय तय होना बाकी है।
आज यूएन में कश्मीर मुद्दा उठा सकते हैं इमरान
जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद पाकिस्तान इस फैसले का विरोध कर रहा है। वह लगातार कश्मीर मुद्दे को अंतराष्ट्रीय मंच पर उठाने की कोशिश कर रहा है, लेकिन हर मौके पर उसे मुंह की खानी पड़ रही है। पाकिस्तान के विरोध पर भारत सरकार पहले ही साफ कर चुकी है कि कश्मीर हमारा आंतरिक मुद्दा है। संयुक्त राष्ट्र महासभा में शुक्रवार को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान कश्मीर मुद्दा उठा सकते हैं। इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी सभा को संबोधित करेंगे।
पिछले साल भारत ने बैठक में पाक का विरोध किया था
2018 में पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज सार्क देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक से बाहर निकल गई थीं। इस दौरान भारत ने जम्मू-कश्मीर में पुलिसकर्मियों की हत्या और पाकिस्तान में कश्मीरी आतंकी का डाक टिकट जारी होने का विरोध किया था। 2016 में सार्क की बैठक इस्लामाबाद में रखी गई थी। इससे पहले उड़ी में सेना के कैंप पर आतंकी हमला हुआ था और भारत इसमें शामिल नहीं हुआ। बांग्लादेश, भूटान और अफगानिस्तान ने भी बाद में बैठक में जाने से इनकार कर दिया था। इसके बाद इस्लामाबाद की बैठक स्थगित कर दी गई थी।
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