भोपाल . कैबिनेट में बुधवार को इंदौर नगर निगम के बहुचर्चित पेंशन घोटाले के दोषियों पर कार्रवाई न होने पर गरमागर्मी हो गई। सरकार ने पेंशन घोटाले की जांच के लिए जैन आयोग का गठन किया था, जिसकी रिपोर्ट सरकार को मिल चुकी है। उच्च शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी का कहना था कि जब रिपोर्ट सरकार के पास आ चुकी है तो दोषियों पर कार्रवाई क्यों नहीं की जा रही है।
आखिर इसमें देरी क्यों हो रही है। स्वास्थ्य मंत्री तुलसी सिलावट ने भी कहा- मामला सालों पुराना है। जैन आयोग की रिपोर्ट में दोषियों के नाम भी सामने आ चुके हैं। सरकार को तत्काल कार्रवाई करना चाहिए। इस बीच सामान्य प्रशासन मंत्री डॉ. गोविंद सिंह ने कहा कि जैन आयोग की रिपोर्ट विभाग को मिल चुकी है, लेकिन दोषियों पर कार्रवाई कैसे की जाए, हमें इसका रास्ता निकालना है। इंदौर-मनमाड़ नई रेल के लिए सरकार देगी 408 करोड़ रुपए इक्विटी : इंदौर (महू) से मनमाड़ नई रेल लाइन के लिए कुल लागत के अनुरूप 4 साल में 408 करोड़ 64 लाख रुपए राज्य सरकार द्वारा दिया जाएगा।
सस्ती बिजली... एक मेगावाट तक बिजली का उत्पादन कर सकेंगे उद्योग : औद्योगिक इकाई सोलर प्लांट लगाकर एक मेगावाट तक बिजली का उत्पादन कर सकेंगी। इसमें शर्त यह रहेगी कि बिजली का उपयोग वे स्वयं करेंगी उसे अन्य किसी को बेचा नहीं जा सकेगा। इससे उद्योगों को सस्ती बिजली मिल सकेगी। मंडीदीप व पीथमपुर औद्योगिक क्षेत्रों के साथ ही एमपीआईडीसी द्वारा स्थापित अन्य औद्योगिक क्षेत्रों में विभिन्न औद्योगिक इकाइयों को रूफटॉप सौर परियोजना से लाभांवित करने के लिए यह आवश्यक कार्यवाही की गई है।
क्या परिसीमन में शहरों से सटीं पंचायतें निगमों से जुड़ेंगी : राजस्व मंत्री गोविंद सिंह राजपूत द्वारा यह पूछे जाने पर कि क्या नगरीय निकायों के परिसीमन में शहर से सटी पंचायतें जुड़ सकेंगी। इस पर मुख्य सचिव एसआर मोहंती ने साफ कर दिया कि चूंकि एक्ट में संशोधन आज हुआ है, इसलिए आगे कोई भी पंचायत किसी भी नगर निगम में नहीं जोड़ी जा सकेगी। इससे पहले निवाड़ी पंचायत में सामाजिक न्याय विभाग द्वारा नए पदों के निर्माण के प्रस्ताव पर मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि क्या हमने निवाड़ी को नया जिला बनाकर कोई गलती कर दी। पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री कमलेश्वर पटेल ने कहा कि अधिकारी सुन नहीं रहे हैं एनआरएलएम के जिला परियोजना अधिकारी हटा दिए जाते हैं तो मुख्यमंत्री ने कहा कि यह बात यहां करने लायक है क्या।
वन क्षेत्र में उत्खनन पर रॉयल्टी 60 से बढ़ाकर 100 रुपए की : फॉरेस्ट एरिया में उत्खनन होने वाले लाइम स्टोन, डोलोमाइट, फायर क्ले, मैगनीज, कॉपर, रॉक फास्फेट पायरोफिलाइट, डायास्पोर, ऑकर, बॉक्साइट, आयरन, केलसाइट, कोयला, क्वार्टस, सिलिका सेड, शेल, स्लेट, सोप स्टोन पर 100 रुपए और फ्लेग स्टोन, ग्रेनाइट, मार्बल एवं मिट्टी पत्थर पर रॉयल्टी 60 रुपए प्रति घनमीटर कर दी गई है। यह वृद्धि प्रतिवर्ष एक अप्रैल से लागू होगी। वनोपज परिवहन शुल्क में वृद्धि के साथ ही प्रतिवर्ष 5% की वृद्धि की जाएगी। वन विभाग द्वारा लाए गए इस प्रस्ताव पर खनिज मंत्री प्रदीप जायसवाल ने आपत्ति जताते हुए कहा- प्रस्ताव लाने के पहले खनिज विभाग से इजाजत क्यों नहीं ली गई। इस पर मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि यह वृद्धि बाढ़ राहत से पीड़ितों को मदद करने के लिए की गई है।
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