चंडीगढ़. पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई और विदेशों में बैठे खालिस्तान समर्थकों द्वारा पंजाब को दहलाने की बड़ी साजिश को काउंटर इंटेलिजेंस ने नाकाम कर दिया। पंजाब पुलिस ने रविवार को तरनतारन के चोहला साहिब से खालिस्तान समर्थक 4 आतंकियों को गिरफ्तार किया। ये आतंकी खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स से संबंधित हैं और इनको पाकिस्तान और जर्मनी के आतंकवादी संगठनों द्वारा मदद की जा रही थी। इनके पास से 5 एके-47 और 16 मैगज़ीन, 4 पिस्टल, 8 मैगज़ीन, 9 हैंड ग्रनेड, 5 सैटेलाइट फ़ोन और 10 लाख रु. की जाली भारतीय करंसी मिली है।
इनकी पहचान बलवंत सिंह उर्फ बाबा उर्फ निहंग, अर्शदीप सिंह उर्फ आकाश रंधावा, हरभजन सिंह और बलबीर सिंह के रूप में हुई है। हरभजन सिंह और बलबीर सिंह के खिलाफ पंजाब में कई आपराधिक केस पहले से दर्ज हैं। इनके इंटरनेशनल लिंक होने के कारण एनआईए के हवाले किया जाएगा। यह आतंकी पंजाब और आसपास के राज्य में किसी आतंकी वारदात को अंजाम देने की फिराक में थे। मामले की गंभीरता को देखते हुए सीएम कैप्टन ने केस की जांच एनआईए को सौंपने को कहा है। इसके साथ ही एयरफोर्स और बीएसएफ को बॉर्डर पर ड्रोन की एक्टिविटी के प्रति अलर्ट रहने को कहा है।
कार मालिक मोहाली का है
चारों आतंकी स्विफ्ट कार पीबी65एक्स8042 में सवार थे, जिन्हें तरनतारन के कस्बा चोहला साहिब से गिरफ्तार किया गया। यह कार मोहाली के जगतार सिंह नाम के शख्स पर रजिस्टर है। फिलहाल, एसएसओसी द्वारा जगतार सिंह की तलाश भी शुरू कर दी गई है।
आतंकी मॉड्यूल, कैसे आए हथियार और कहां भेजे जाने थे
हथियारों की ये खेप आईएसआई की मदद से खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स के आतंकी रणजीत सिंह नीटा ने जैश आतंकियों के लिए अमृतसर सीमा पर पहुंचाई थी। इसे अमृतसर जेल में बंद कुख्यात आतंकी मान सिंह के कहने पर आकाशदीप रंधावा ने रिसीव भी किया था। ये हथियार हाल ही में जमानत पर छूटे बब्बर खालसा आतंकी बाबा बलवंत को हैंडओवर करना था। यहां से ये हथियार कई हिस्सों में बंटकर पंजाब व जेएंडके में इस्तेमाल होने थे, लेकिन आकाशदीप, हरभजन सिंह व बलबीर की गिरफ्तारी के बाद बाबा बलवंत के पकड़े जाने से यह साजिश नाकाम रही। यह कंसाइनमेंट जर्मनी में बैठे खालिस्तानी आतंकी गुरमीत सिंह बग्गा उर्फ डॉक्टर के कहने पर नीटा ने भिजवाई थी। आकाशदीप को डॉक्टर ने फंडिंग की थी।
हथियारों को मिनी ड्रोन से भेजा गया
हथियारों की खेप अमृतसर सीमा में उतारने के लिए मिनी ड्रोन का इस्तेमाल हुआ है। ड्रोन 3 तरह के हैं, जिसमें नैनो, माइक्रो और मिनी ड्रोन आते हैं। इनमें से मिनी ड्रोन की अगर लाइट टेप के जरिए बंद कर दी जाए तो रात में उसके उड़ने व आवाज का पता नहीं लगता। जबकि स्पाई ड्रोन में ऐसा नहीं है, उसकी लाइट ब्लिंक करती है, जिससे यह डिटेक्ट हो जाता है। सूत्रों मुताबिक इस कंसाइनमेंट को उतारने के लिए ऐसे ही मिनी ड्रोन का इस्तेमाल हुआ है। पुलिस को ड्रोन से हथियार सीमा पार उतारने का शक पिछले दिनों कठुआ में पकड़े आतंकियों से बरामद हथियारों से ही हो गया था।
पंजाब-कश्मीर थे टारगेट
यह कंसाइनमेंट वैली में एक्टिव जैश ए महोम्मद के लिए आई थी। मगर इसका इस्तेमाल पंजाब में आतंकी गतिविधियों में भी होना था। क्योंकि पकड़ा गया आतंकी बाबा बलवंत उर्फ निहंग पहले भी 2016 में पंजाब व राजस्थान में तीन टारगेट किलिंग करवा चुका है और यह कंसाइनमेंट भी उसे ही हैंडओवर होनी थी।
अमृतसर जेल में रची गई थी साजिश
अमृतसर जेल में आतंकी मान सिंह व बाबा बलवंत की मुलाकात हुई थी। यहीं से वह जर्मनी में बैठे आतंकी गुरमीत सिंह उर्फ डॉक्टर के संपर्क में आए। डॉक्टर नीटा से जुड़ा था, जिसने इन्हें एक मॉड्यल के तौर पर इस्तेमाल कर पाक से ड्रोन इस्तेमाल कर हथियारों की कंसाइनमेंट मंगवाई। खास यह था कि यह सभी कटआउट मॉड्यूल थे। बाबा जर्मनी में बैठे डॉक्टर को नहीं जानता था। वह केवल मान सिंह के कहने पर काम करता था, और डॉक्टर की तरफ से हथियार लेने के लिए तैयार किया गया आकाशदीप बाबा को नहीं जानता था। यह इसलिए था कि किसी एक के पकड़े जाने से पूरा मॉड्यूल न पकड़ा जाए।
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