दंतेवाड़ा. छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित दंतेवाड़ा विधानसभा सीट पर उपचुनाव के लिए सोमवार सुबह 7 बजे से मतदान जारी है। इस बीच नक्सलियों ने एक बार फिर चुनाव में व्यवधान डालने का प्रयास किया, हालांकि उनकी साजिश को जवानों ने नाकाम कर दिया है। कटेकल्याण क्षेत्र मेंं परचेली पोलिंग बूथ से करीब 200 मीटर दूर आईईडी विस्फोटक बरामद किया गया। हालांकि नक्सल प्रभावित 10 पोलिंग बूथों में से 8 पर अभी तक एक भी वोट नहीं पड़ सके हैं।
चुनाव अपडेट
फरसापाल के बूथ क्रमाक -2 में कांग्रेस प्रत्याशी देवती कर्मा के बेटे छविंद्र कर्मा ने मतदान किया। छविंद्र कर्मा ने कहा कि ग्रामीण इलाकों के विकास के लिए 15 साल तक भाजपा ने कुछ नहीं किया है। भूपेश सरकार के कामकाज के बूते पार्टी जीतेग। उन्होंने कहा कि 3 दिन में कांग्रेस ने बढ़त बना ली है।
नक्सल प्रभावित इंद्रावती के घाटों पर 10 से ज्यादा मोटर बोट लगाई गई
लोकतंत्र के इस महापर्व में मतदाता अपने वोट की अहूति देने पोलिंग बूथ के बाहर कतार बद्ध तरीके से खड़े हुए है। कुआकोंडा, मोखपाल सहित नक्सल प्रभावित गांव गमावाड़ा और श्यामगिरी में जबरदस्त उत्साह है। इंद्रवती नदी पार के सारे पोलिंग बूथ को मुचनार और छिंदनार में शिफ्ट किया गया है। इंद्रावती नदी के 3 घाटो में लगभग 10 से ज्यादा मोटर बोट, होम गार्ड और गोताखोरों की व्यवस्था गई है। हालांकि आयोग ने अतिसवेंदनशील 28 पोलिंग बूथों को शिफ्ट किया है। उपचुनाव में 89784 पुरुष मतदाता और 98876 महिला मतदाता हैं।
देवती कर्मा और ओजस्वी मंडावी में मुकाबला
दंतेवाड़ा उपचुनाव में एक निर्दलीय सहित 9 प्रत्याशी मैदान में हैं। हालांकि मुख्य मुकाबला कांग्रेस की देवती कर्मा और भाजपा की ओजस्वी मंडावी के बीच ही है। ओजस्वी जहां भाजपा के दिवंगत विधायक भीमा मंडावी की पत्नी हैं, वहीं देवती कर्मा पूर्व विधायक होने के साथ ही कांग्रेस के दिग्गज नेता रहे बस्तर टाइगर दिवंगत महेन्द्र कर्मा की पत्नी हैं। दोनों के पतियों ने नक्सली हमले में ही अपनी जान गंवाई है।
भीमा मंडावी पर हुआ था नक्सली हमला
लोकसभा चुनाव के दौरान मतदान से ठीक 48 घंटे पहले 9 अप्रैल को नक्सलियों ने विस्फोट कर भाजपा विधायक भीमा मंडावी की गाड़ी को उड़ा दिया था। इस विस्फोट में विधायक मंडावी की मौत के साथ ही उनके ड्राइवर और तीन जवान शहीद हो गए थे। बचेली से आगे मीटिंग में जाने के दौरान कुआकोंडा से पहले धमाका दंतेवाड़ा-सुकमा रोड पर नकुलनार में हुआ। विस्फोट इतना ज़बरदस्त था कि उनकी गाड़ी 200 मीटर दूर जा गिरी। इसके बाद नक्सलियों ने फायरिंग शुरू कर दी थी, जो कि करीब एक घंटे तक जारी रही थी।
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