बॉलीवुड डेस्क. काजोल की मां और वेटरन एक्ट्रेस तनुजा 76 साल की हो गई हैं। उनका जन्म 23 सितंबर 1943 को हुआ था। उन्हें खासकर 'बहारें फिर भी आएंगी' (1966), 'ज्वेल थीफ' (1967), 'हाथी मेरे साथी' (1971) और 'अनुभव' (1971) जैसी फिल्मों के लिए जाना जाता है। 60 और 70 के दशक में संजीव कुमार, धर्मेंद्र और राजेश खन्ना के साथ उनकी जोड़ी काफी पॉपुलर थी। तनुजा के जन्मदिन पर उनकी बेटी काजोल ने अपनी भावनाएं दैनिक भास्कर के साथ शेयर की।
मुझे याद है कि बचपन में मां के बहुत थप्पड़ पड़ते थे। जब मेरी बेटी न्यासा हुई तो मैंने मां से सबसे पहले एक ही बात कही कि, 'मां मुझे नहीं पता कि आपने मुझे आज तक कितना प्यार किया है और मेरा किस तरह ख्याल रखा है। मैं आपको कभी मेरी परवरिश के लिए शुक्रिया अदा नहीं कर सकती। आज जब मैं खुद मां बन गई हूं और एक बच्चे का ख्याल रख रही हूं, तब मुझे महसूस हो रहा है कि एक बच्चे का ख्याल रखना कितना मुश्किल है। यहां सिर्फ उन्हें नहलाने-धुलाने की बात नहीं है, बात है उस जिम्मेदारी की और उन चीजों की, जो आप अपने बच्चों को सिखाते हैं।"
बचपन की बात है। मां को गालियां देने की बहुत बुरी आदत थी। उनकी गालियां लेजेंड्री हैं। जब मैं पैदा हुई तब उन्होंने मुझे सिखाया कि गालियां देना बुरी बात है। उन्होंने मुझसे कहा कि जो लोग गालियां देते हैं उनका शब्दकोष अच्छा नहीं होता। मैंने उनसे पूछा कि फिर आप गालियां क्यों देते हो? उस दिन से उन्होंने गालियां देना बंद कर दिया। यह एक बहुत ही बड़ा फैसला था।
13 की उम्र में चली गई थीं स्विट्जरलैंड
13 साल की उम्र में तनुजा पढ़ने के लिए स्विट्जरलैंड चली गई थीं। इसी दौरान तनुजा की मां ने उन्हें लॉन्च करने के लिए 1958 में 'छबीली' नाम से फिल्म बनाने का फैसला किया।
1961 में 'हमारी याद आएगी' तनुजा के करिअर की अहम फिल्म साबित हुई। इस फिल्म में तनुजा की एक्टिंग देख फैन्स ने महसूस किया कि उन्हें गीता बाली की जगह भरने वाली एक्ट्रेस मिल गई है।
बचपन में तनुजा को अपनी मां और दीदी नूतन का इतना लाड़-प्यार मिला कि वो बेफ्रिकी हो गईं और इसलिए 50 के दशक में उन्हें टॉम ब्वॉय का खिताब मिल गया।
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