रायपुर . कारोबारी अशोक अग्रवाल - महेश वाधवानी पर चल रहे छापे में ब्रोकर्स के जरिए 35 करोड़ के नगद खरीदी बिक्री और शेल कंपनियों के जरिए करीब 50 करोड़ के निवेश के प्रमाण मिले हैं।सोमवार को 56 ठिकानों से शुरु हुए छापे अब केवल 4 ठिकानों पर केंद्रित हो गए है। इसमें वाधवानी के घर, दो फैक्ट्रियों और एक ऑफिस में जांच जारी रहेगी। दोनों ही कारोबारियों के शेल कंपनियों के पूरे दस्तावेज मिल गए हैं। इनमें अघोषित आय के बड़े सबूत मिले हैं। छापे के चौथे दिन शुक्रवार को आईटी टीम ने मुख्य रूप से दो बड़ी फैक्ट्रियों में चालू स्टॉक का वेल्युएशन शुरु कर दिया है।
स्टॉक वेल्युएशन के जरिए फैक्ट्रियों के जरिए अघोषित आय का आकलन किया जाएगा। माना जा रहा है कि इसके बाद अघोषित कमाई का आंकड़ा और भी बढ़ सकता है। कारोबारियों के बयान आज भी होंगे। अभी तक कैश और गहनों को लेकर सरेंडर की बात सामने आ रही है। सरेंडर की प्रक्रिया भी चल रही है।
बड़े पैमाने पर अघोषित आय : विभाग को अब तक हुई जांच में बड़े पैमाने पर आय छिपाने का पता चला है। प्रॉपर्टी स्टॉक लॉकर के वेल्युएशन के बाद ये आंकड़ा अभी और भी बढ़ सकता है। आयकर विभाग की ओर से जांच के दौरान किसी भी फैक्ट्री में चल रहे काम को रोका नहीं गया है। शेल कंपनियों ब्रोकिंग के जरिए मिलाकर करीब 50 करोड़ के निवेश का खुलासा हुआ है। इसमें इनकम टेक्स की रकम का भी असेसमेंट पूरी जांच के बाद होगा।
12 में से 9 कंपनियां बोगस : कोलकाता में जांच कर रही टीम के सूत्रों ने बताया कि अग्रवाल समूह ने कोलकाता में शैल कंपनियों के नाम से बड़ा निवेश दिखाया है। पर जांच में इन 12 में से 9 कंपनियों के पते और ठिकाने नहीं मिले हैं। आईटी अफसर दस्तावेजों में दिए गए पते पर इन कंपनियों को ढंूढते-ढंूढते परेशान रहे।
प्रॉपर्टी के दस्तावेज मिले, जांच जारी : चौथे दिन बड़े पैमाने पर प्रॉपर्टी के दस्तावेज भी मिले हैं। मुख्य रूप से अचल संपत्तियां छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश में खरीदी गई है। प्रॉपर्टी पेपर का वेरीफिकेशन किया जा रहा है। साढ़े 6 करोड़ रुपए के गहने मिले हैं। इनमें से 3 करोड़ 75 लाख के गहनों को विभाग ने जब्त किया है। ढ़ाई करोड़ कैश में से 2 करोड़ 15 लाख कैश भी जब्त हुआ है। अब तक मिले 8 लॉकर चौथे दिन भी नहीं खोले गए हैं।
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